भारतीय वायुसेना ने आज सुबह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया और आतंकवादियों के कई कैंपों को ध्वस्त कर दिया. इस हमले में पाक अधिकृत कश्मीर में 200 से 300 आतंकी मारे गये हैं. भारतीय सेना ने लगभग 21 मिनट बमबारी की है. बताया जा रहा है कि 1971 के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार वायुसेना ने एलओसी को क्रॉस किया है. भारतीय सेना ने हमेशा पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों का जवाब दिया है.#Surgicalstrike2 से पहले 29 सितंबर 2016 को भी भारत ने उरी हमले के बाद पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. यह थलसेना की कार्रवाई थी. आइए जानें 1971 के बाद कब-कब भारत ने पाकिस्तान को दिया है मुंह तोड़ जवाब:-
ऑपरेशन मेघदूत : भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे के लिए ऑपरेशन मेघदूत किया था. यह ऑपरेशन 13 अप्रैल 1984 को शुरू हुआ था. यह ऑपरेशन अनोखा था क्योंकि दुनिया की सबसे ऊंचाई पर स्थित युद्धक्षेत्र में पहली बार हमला शुरू किया गया था. सेना की कार्रवाई के परिणामस्वरूप भारतीय सेना ने पूरे सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण प्राप्त कर किया था. 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद जब शिमला समझौता हुआ तो सियाचिन के एनजे-9842 नामक स्थान पर युद्ध विराम की सीमा तय हो गयी. इस बिंदु के आगे के हिस्से के बारे में कुछ नहीं कहा गया. कुछ समय बाद पाकिस्तान ने वहां गतिविधि बढ़ा दी तब भारत ने 1985 में ऑपरेशन मेघदूत के ज़रिए एनजे-9842 के उत्तरी हिस्से पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया.
कारगिल वार : 1999 में भी पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य के कारगिल जिले में घुसपैठ की थी. उस वक्त भी भारत ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को देश से निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी. लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे. परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था.