नयी दिल्ली: सरकार हज यात्रियों के लिए और बेहतर सुविधा देने पर ध्यान दे रही है. हज यात्रियों के लिए खर्च में भी काफी कटौती करने की पूरी योजना बना रही है. वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए भारत के कोटे में की गयी 20 प्रतिशत की कटौती को वापस लेने के मकसद से सउदी अरब से अनुरोध किया गया है.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वीकार किया कि हजयात्रियों को विशेष सुविधा नहीं मिल पाती उन्होंने एयर इंडिया की भी आलोचना की जो श्रीनगर से जाने वाले प्रति हज तीर्थयात्री से किराए के लिए 1.54 लाख रुपये वसूल करता है जबकि अन्य निर्धारित हवाई अड्डों से जाने वालों से करीब 62800 रुपये ही लिये जाते हैं.अखिल भारतीय वार्षिक हज सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वराज ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए रुकने की जगह एक प्रमुख मुद्दा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए दीर्घकालिक समाधान पर विचार किये जाने की जरुरत है. उन्होंने संकेत दिया कि मक्का और आसपास के क्षेत्र में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए सरकार अपने स्वयं के रुकने के स्थान के बारे में काम कर सकती है.
सुषमा ने कहा, ‘‘क्या हम सउदी सरकार के सहयोग से क्षेत्र में किसी तरह का परिसर विकसित कर सकते हैं. उसका इस्तेमाल तीन माह हज तीर्थयात्र के लिए किया जा सकता है तथा शेष नौ माह में उमराह एवं जियारत के लिए जाने वाले लोग वहां रुक सकते हैं.’’सुषमा के इस कदम से हजयात्रियों में काफी उत्साह है उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी यात्रा के प्रबंध में बेहतर और जरूरी सुधार करेगी.