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कालेधन की वापसी के लिए केंद्र सरकार ने मांगी स्विटजरलैंड से मदद

नयी दिल्ली : वित्तमंत्री और रक्षामंत्री अरुण जेटली ने आज स्पष्ट किया है कि स्विटजरलैंड से इस बाबत कोई जानकारी नहीं मिली है, वहां के बैंकों में भारतीयों के कितने पैसे हैं. उन्होंने कहा कि हमने स्विटजरलैंड की सरकार से इस बाबत जानकारी मांगी है और हमें उम्मीद है कि हमारे प्रयास सार्थक साबित होंगे. […]

नयी दिल्ली : वित्तमंत्री और रक्षामंत्री अरुण जेटली ने आज स्पष्ट किया है कि स्विटजरलैंड से इस बाबत कोई जानकारी नहीं मिली है, वहां के बैंकों में भारतीयों के कितने पैसे हैं.

उन्होंने कहा कि हमने स्विटजरलैंड की सरकार से इस बाबत जानकारी मांगी है और हमें उम्मीद है कि हमारे प्रयास सार्थक साबित होंगे. गौरतलब है कि चुनावी जंग में भाजपा ने इस बात को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया था कि वे कालेधन को देश वापस लेकर आयेंगे.

अरुण जेटली उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें यह कहा गया है कि स्विटजरलैंड उन लोगों की सूची तैयार कर रहा है, जो अपना कालाधन भारत से बाहर हस्तांतरित कर रहे हैं. फिलहाल स्विटजरलैंड की सरकार यह जानने की कोशिश कर रही है कि वहां के बैंकों में जो पैसे जमा हैं वह एकाउंट किसका है.

हालांकि उन्होंने बारे में कुछ भी जानकारी देने से मना कर दिया कि स्विस बैंकों में किनके एकाउंट हैं और कितनी राशि वहां के बैंकों में जमा की गयी है. सरकार की ओर से यह जानकारी भी दी गयी कि स्विस अधिकारी नयी सरकार के साथ काम करने को इच्छुक हैं और उन्होंने भरोसा दिलाया है वे भारत सरकार की हर संभव मदद करेंगे.

नयी सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सदस्यों की एक एसआईटी गठित की है, जो यह पता लगाये कि विदेशों में भारतीयों के कितने पैसे हैं. इस टीम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति एमबी शाह कर रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं.

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