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विधानसभा चुनाव : मध्यप्रदेश में सस्पेंस बरकरार, पहली बार त्रिशंकु विधानसभा के आसार

भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार किसी भी दल को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है. शाम साढ़े छह बजे तक के नतीजों एवं रुझान के अनुसार, 230 सीटों पर हुए चुनाव के बाद कांग्रेस 111 और भाजपा 110 सीटों पर आगे चल रही है. निवार्चन आयोग ने कहा है […]

भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार किसी भी दल को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है. शाम साढ़े छह बजे तक के नतीजों एवं रुझान के अनुसार, 230 सीटों पर हुए चुनाव के बाद कांग्रेस 111 और भाजपा 110 सीटों पर आगे चल रही है. निवार्चन आयोग ने कहा है कि मंगलवार की रात दस बजे तक सभी सीटों के परिणामों की घोषणा कर दी जायेगी. एेसी स्थितिमेंराज्य में अगली सरकार किस पार्टी की बनेगीइसपरसस्पेंस बरकरार है.

मतगणनाके अनुसार पिछले 15 सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा एवं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. निवार्चन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, अब तक 51 सीटों के परिणाम आ चुके हैं, इनमें से कांग्रेस ने23 सीटें जीत ली हैं, जबकि वह 111 सीटों पर आगे चल रही है. भाजपा के खाते में अब तक 21 सीटें आ चुकी हैं. बहुजन समाज पार्टी दो सीटों पर आगे चल रही है, जबकि समाजवादी पार्टी एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक-एक सीट पर आगे है. वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार भी चार सीटों पर आगे चल रहे हैं.

लोकसभा चुनाव के महासमर से पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहे जा रहेपांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी भाजपा को छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान में करारी शिकस्‍त देने की ओर बढ़ रही है. वहीं, मध्‍य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्‍कर जारी है. पीएम मोदी के राष्‍ट्रीय राजनीति में उदय के बाद ऐसा पहली बार है जब कांग्रेस सीधी लड़ाई में भाजपा को मात देने जा रही है. हालांकि, कांग्रेस को मिजोरम में तगड़ा झटका लगा है. राज्‍य में मिजो नेशनल फ्रंट बहुमत की ओर बढ़ रहा है. वहीं, तेलंगाना टीआरएस के गुलाबी रंग में रंग गया और पार्टी दो तिहाई बहुमत हासिल करने में सपझऊल रही है.

इन चुनावी नतीजों से सभी दलों के लिए कई संकेत निकलकर सामने आये हैं. ये संकेत अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव से पहले देश में कई नये समीकरणों और गठबंधनों को जन्‍म दे सकता है. पांच में से खासकर तीन प्रदेशों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए संजीवनी की तरह नजर आ रहे हैं. फाइनल नतीजों में अगर कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में भाजपा से सत्ता छीनने में कामयाब रही, तो वह 2019 के आम चुनावों के लिए पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू जैसे क्षेत्रीय क्षत्रपों के साथ गठबंधन की टेबल पर बात कर सकेगी.

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