नयी दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर सत्तारूढ़ दल यानी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दबाव बढ़ता जा रहा है. हिंदूवादी संगठन, आरएसएस, वीएचपी और शिवसेना लगातार सरकार से कानून लाने की मांग कर रही है. मामले को लेकर बयान बाजी का दौर जारी है.
गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अयोध्या में मर्यादा के दायरे में रहकर भव्य राम मंदिर बनेगा. राम मंदिर अयोध्या में नहीं बनाया जाएगा तो कहां बनाया जाएगा… यदि देश के आम मुसलमानों से पूछा जाए तो बड़ी संख्या में वो लोग राम मंदिर बनाने के समर्थन में हैं लेकिन कांग्रेस इसमें रोड़ा डाल रही है.
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर तो 1992 में ही बन चुका है, केवल उसका भव्य स्वरूप तैयार करना बचा है. प्रत्येक दिन हज़ारों लोग दर्शन वहां कर रहे हैं. इधर, वीएचपी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार ने कहा कि सरकार को अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने में वैसी ही तत्परता दिखानी चाहिए जैसा उसने अजा/अजजा (अत्याचार रोकथाम) कानून में संशोधन के लिए किया. राम मंदिर बनाने के लिए संसद में इसे मंजूर करवाना ही एकमात्र विकल्प है.
संगठन के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि वीएचपी मंदिर निर्माण के लिए कानून की मांग को लेकर यहां राम लीला मैदान में विशाल रैली आयोजित करेगी. यह रैली संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के दो दिन पहले नौ दिसंबर को होगी. कुमार ने उम्मीद जतायी कि भाजपा नीत एनडीए सरकार शीतकालीन सत्र में विधेयक लाएगी. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने (भाजपा) 1992 के राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और मंदिर निर्माण पार्टी के घोषणापत्र में है. मुझे उम्मीद है कि सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी.’