नयी दिल्ली : आज #ConstitutionDay के मौके पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि जब हमारा संविधान लागू हुआ था , तो कई लोगों ने इसकी आलोचना की थी. सर इवर जेनिंग्स ने इसकी यह कहकर आलोचना की थी यह बहुत लंबा और रिजिड संविधान है. लेकिन समय ने इन आलोचनाओं को खारिज कर दिया और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम पिछले सात दशक से इस बेहतरीन संविधान के साथ जी रहे हैं.
When it was brought into force, our Constitution was criticised. Sir Ivor Jennings termed it as far too large&rigid. Time has weakened criticism&it's a matter of pride that our constitution has lived with great vigour in last 7 decades: CJI Ranjan Gogoi in Delhi #ConstitutionDay pic.twitter.com/DtDEjtVvBA
— ANI (@ANI) November 26, 2018
Ordinary Indian's sixth sense & DNA of his inherent trust in Indian democratic process, regardless of his religion, caste, community, economic status or literacy is the most defining moment of India's constitutional governance: Union Minister Ravi Shankar Prasad #ConstitutionDay pic.twitter.com/4Ol6dpommX
— ANI (@ANI) November 26, 2018
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि हमें भारत के लोकतंत्र पर भरोसा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक आम भारतीय का सिक्स्थ सेंस और उनका डीएनए भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करता है और उसका सम्मान करता है. आम लोगों की यह भावना उनके जाति, धर्म,समुदाय, शिक्षा और आर्थिक स्थिति से परे है.