नयी दिल्ली : MeToo अभियान में यौन शोषण का आरोप झेल रहे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने आज इस्तीफा दे दिया. उन्होंने एक लिखित बयान जारी करके अपना इस्तीफा दिया है. एमजे अकबर ने लिखा है कि उनपर जो भी आरोप लगे हैं वे सब झूठे हैं और वे इनके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे. बयान में उन्होंने कहा है ‘मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा. अत: मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं.’ उन्होंने कहा ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया.” बताया जा रहा है कि अकबर का इस्तीफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर हुआ है. प्रिया रमानी ने एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद कहा कि इस्तीफे से यह साबित हुआ कि हमारे आरोप सही थे. उनके इस्तीफे को कांग्रेस ने सही फैसला ठहराया. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि यह सही फैसला है और जबतक मामले की जांच नहीं हो जाती उन्हें पद पर नहींरहना चाहिए.
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/dxf4EtFl5P
— ANI (@ANI) October 17, 2018
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बावजूद इसके ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं 19 महिला पत्रकार अपनी सहकर्मी प्रिया रमानी के समर्थन में आयी और केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया . इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाये. उन्होंने दावा किया कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया तथा अन्य इसकी गवाह हैं.