11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धरती हो सकती है दो डिग्री तक गर्म, कोलकाता सबसे अधिक होगा प्रभावित, इधर, हिमाचल में तापमान काफी कम, नदियां जमीं

नयी दिल्ली : ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण धरती के तापमान में दो डिग्री सेल्सियस के संभावित इजाफे से भारत को भयानक लू का सामना करना पड़ सकता है. जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की सोमवार को जारी आइपीसीसी रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. रिपोर्ट में घातक लू के दौर से कोलकाता शहर के […]

नयी दिल्ली : ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण धरती के तापमान में दो डिग्री सेल्सियस के संभावित इजाफे से भारत को भयानक लू का सामना करना पड़ सकता है. जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की सोमवार को जारी आइपीसीसी रिपोर्ट में यह बात कही गयी है. रिपोर्ट में घातक लू के दौर से कोलकाता शहर के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका से इनकार नहीं किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर जलवायु में हो रहे बदलाव को नजरअंदाज किया गया, तो भविष्य में समाज और वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव करने पड़ेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, तापमान में सालाना दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की आशंका वाले शहरों में भारत का कोलकाता, पाकिस्तान का कराची शहर है. इसके अलावा नाइजीरिया का लागोस और चीन का शंघाई शहर भी इसमें शामिल है. इन शहरों में जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर होगा.
बढ़ेगा समुद्री जल स्तर तटीय क्षेत्र होंगे प्रभावित
ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र तटीय इलाकों में जलस्तर बढ़ने की कीमत करोड़ों डॉलर के अतिरिक्त आर्थिक बोझ के रूप में चुकानी पड़ेगी. समुद्री जलस्तर बढ़ने के खतरे से तटीय इलाकों की लगभग पांच करोड़ आबादी प्रभावित होगी. इसमें चीन, बांग्लादेश, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया, जापान, फिलीपीन, अमेरिका और वियतनाम के तटीय क्षेत्र शामिल हैं.
क्या होगा असर
खाद्य असुरक्षा की वजह से बढ़ेगी गरीबी
खाद्य पदार्थ होंगे महंगे
आमदनी में कमी
आजीविका के अवसरों में कमी
जनसंख्या पलायन
खराब स्वास्थ्य
तापमान बढ़ने के कारण
बिजली के लिए कोयला का इस्तेमाल
अंधाधुंध वनों का कटाव
तेजी से बढ़ती जनसंख्या
ग्लोबल वॉर्मिंग से कोलकाता सबसे अधिक होगा प्रभावित, बढ़ते तापमान को नजरअंदाज किया गया, तो होगा खतरनाक
क्या है आइपीसीसी
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था आइपीसीसी यानी इंटरगर्वमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज संयुक्त राष्ट्र की एक अंतर सरकारी समिति है. आइपीसीसी रिपोर्ट दुनिया भर के वैज्ञानिकों और संगठनों द्वारा बारीकी से रिसर्च और समीक्षा को बाद तैयार दस्तावेज है.
दिल्ली की हवा फिर हुई खराब
नयी दिल्ली : दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गयी है. केंद्र द्वारा संचालित ‘सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च’ के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को हवा की गुणवत्ता सूचकांक पर 181 के साथ सुधर कर मध्यम स्तर पर था लेकिन सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में यह आंकड़ा फिसलकर 235 पर पहुंच गया और हवा का स्तर खराब रहा. दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 230 था और पीएम 2.5 का स्तर 101 था.
इधर, हिमाचल में तापमान काफी कम, नदियां जमीं
हिमाचल प्रदेश का न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से करीब आठ डिग्री सेल्सियस नीचे लुढ़क गया है. हिमाचल प्रदेश, रविवार को जम्मू-कश्मीर से भी ठंडा रहा. हिमाचल की राजधानी शिमला का न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस और केलंग में न्यूनतम तापमान माइनस 7.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. लाहौल स्पीति में झीलें और नदियां जम गयी है. वायुसेना को राहत कार्यों में लगाया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें