नयी दिल्ली : कटिहार के सांसद तारिक अनवर शुक्रवार को अचानक उस वक्त चर्चा में आ गये जब उन्होंने राफेल डील पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में दिये गये बयान के कारण पार्टी छोड़ने का फैसला लिया. वे एनसीपी के महासचिव थे. पवार के बयान से नाराज अनवर ने एनसीपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. तारिक अनवर एनसीपी के संस्थापक सदस्य रह चुके हैं. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वे एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं.
आपको बता दें कि कांग्रेस और तारिक अनवर का संबंध पुराना है. अनवर ने 1999 में शरद पवार के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़कर एनसीपी बनायी थी. दिवंगत नेता पीए संगमा, शरद पवार और तारिक अनवर ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाया था और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. जानकारों की मानें तो लोकसभा चुनाव नजदीक है और कांग्रेस लगातार बिहार में जड़ें जमाने का प्रयास कर रही है. यदि तारिक अनवर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो राजनीतिक तौर पर उसे लाभ मिलेगा.
राफेल डील मामला: NCP अध्यक्ष शरद पवार के बयान से नाराज तारिक अनवर ने छोड़ी पार्टी
तारिक अनवर के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने इस क्षेत्र में कम उम्र में ही कदम रख दिया था. वे 1976 से 1981 तक बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस (आई) के अध्यक्ष थे. वह 1982 से 1985 तक भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर भी अपनी सेवा दे चुके हैं. अनवर 1988 से 1989 तक बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे. बाद में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बना ली.
तारिक अनवर के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उनका जन्म 16 जनवरी 1951 को बिहार के पटना में हुआ था. उनके पिता का नाम शाह मुश्ताक अहमद था और मां बिल्किस जहां थीं. उनकी शादी हेना अनवरंद से हुई. अनवर की चार बेटियां और एक बेटा है.