13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सुप्रीम कोर्ट ने कहा – IPS संजीव भट्ट को कोर्ट का रुख करने की इजाजत नहीं देना गंभीर

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी के उन आरोपों को सोमवार को गंभीर करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि शीर्ष न्यायालय का रुख करने के लिए उनके पति को हिरासत में किसी कागज पर हस्ताक्षर करने की इजाजत नहीं दी जा रही है. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी के उन आरोपों को सोमवार को गंभीर करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि शीर्ष न्यायालय का रुख करने के लिए उनके पति को हिरासत में किसी कागज पर हस्ताक्षर करने की इजाजत नहीं दी जा रही है.

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि गुजरात सरकार को श्वेता संजीव भट्ट की याचिका में लगाये गये आरोपों पर चार अक्तूबर को या उससे पहले जवाब दाखिल करना चाहिए. पीठ ने कहा, इस मामले के गुण-दोष में जाने से पहले, हम चाहते हैं कि गुजरात सरकार आरोपों का जवाब दे. हमारे मुताबिक जो मुद्दा उठाया गया है, वह गंभीर है क्योंकि यह सरकार के खिलाफ आरोप लगाये जाने से संबद्ध है जो एक नागरिक को हम तक आने से रोक रहा है. श्वेता संजीव भट्ट की ओर से पेश अधिवक्ता दिव्येश प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने भट्ट की रिमांड को भी चुनौती दी है, जिन्हें गुजरात सीआईडी ने 22 साल पुराने एक मामले में पांच सितंबर को गिरफ्तार किया था. यह मामला एक अधिवक्ता के पास कथित तौर पर मादक पदार्थ रख कर उसे गिरफ्तार करने का है.

न्यायालय ने कहा, यदि एक नागरिक को अदालत आने की इजाजत नहीं दी जाती है और उसकी पत्नी को हमारे पास आना पड़ता है, तो यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है. पीठ ने प्रारंभ में भट्ट के वकील से याचिका में उल्लेख किये गये कथन को पढ़ने को कहा और यह भी कहा कि उसने इस पर संज्ञान लिया है. सिंह ने कहा कि भट्ट को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के लिए वकालतनामा सहित किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करने दिया गया. वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने गुजरात सरकार की ओर से पेश होते हुए कहा कि याचिका में उल्लिखित कथन के सिलसिले में एक हलफनामा दाखिल की जायेगी. इस पर पीठ ने मामले की सुनवाई चार अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध कर दी.

पुलिस के मुताबिक भट्ट के तहत बनासकांठा पुलिस ने 1996 में सुमेरसिंह राजपुरोहित नाम के एक अधिवक्ता को एक किग्रा मादक पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि, राजस्थान पुलिस अपनी जांच में इस निष्कर्ष पर पहुंची थी कि राजपुरोहित को फंसाया गया था. गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में 2011 में निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद 2015 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. गौरतलब है कि भट्ट की पत्नी श्वेता ने 2012 में अहमदाबाद की मणिनगर विधानसभा सीट से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel