नयी दिल्ली : 10 सालों से बन रहा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (पाक्योंग एयरपोर्ट) अब तैयार हो गया है. इस एयरपोर्ट का महत्व कई मामलों में अहम है. एक तो विदेश राजनीतिक स्तर पर यह एयरपोर्ट अहम भूमिका निभायेगा वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी इस एयरपोर्ट का विशेष महत्व है. इस एयरपोर्ट की तस्वीरें प्रधानमंत्री नरेंद्र […]
नयी दिल्ली : 10 सालों से बन रहा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (पाक्योंग एयरपोर्ट) अब तैयार हो गया है. इस एयरपोर्ट का महत्व कई मामलों में अहम है. एक तो विदेश राजनीतिक स्तर पर यह एयरपोर्ट अहम भूमिका निभायेगा वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी इस एयरपोर्ट का विशेष महत्व है. इस एयरपोर्ट की तस्वीरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साझा की है. इन तस्वीरों में ही इस एयरपोर्ट की खूबसूरती नजर आती है. पढ़ें क्यो खास है यह एयरपोर्ट.
साल 2009 में इस एयरपोर्ट का काम शुरू हुआ था. यह एयरपोर्ट गंगटोक से करीब 33 किमी दूर है. इस एयरपोर्ट के बनने से पर्यटन की संभावनाएं बढ़ी है. 9 सालों के बाद यह सिक्किम का यह सपना पूरा हुआ है. यह एयरपोर्ट 201 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 4500 फुट की है. इसे पहाड़ की चोटी पर बनाया गया है जो पाक्योंग गांव के करीब दो किलोमीटर दूर है इसलिए भी इसे पोक्योंग एयरपोर्ट का नाम दिया गया है.
इस एयरपोर्ट को बनाने में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ( एएआई) ने अपनी अहम भूमिका निभायी है. इससे पहले सबसे नजदीक एयरपोर्ट 124 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में है. अब पोक्योंग एयरपोर्ट के आने से गंगटोक काफी नजदीक हो गया है. इस एयरपोर्ट को बनाने में 605 करोड़ रूपये की लागत आयी है. एयरपोर्ट भारत और चीन की सीमा से मात्र 60 किमी की दूरी पर है.
इस एयरपोर्ट के बगल में 75 मीटर लंबी एक अन्य पर्टी के निर्माण का काम चल रहा है. काम पूरा होने के बाद वायुसेना भी इसका इस्तेमाल कर सकेगी. 5 मार्च को पाक्योंग एयरपोर्ट से IAF’s Dornier-228 एयरक्राफ्ट की सफल लैंडिंग और उड़ान का टेस्ट किया गया तो जसळ रहा था . इसके बाद दूसरी एयरलाइन ने भी टेस्ट में सफलता हासिल की. योजना है कि पाक्योंग से भूटान, नेपाल और थाइलैंड तक के लिए उड़ानें शुरू होंगी.