नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के आंकड़ों के दुरुपयोग से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मंचों को चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने की की छूट नहीं दी जायेगी.
प्रसाद ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है और भारत वादा करता है कि यदि किसी ने देश में चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की तो उसकी पहचान करके उसे दंडित किया जायेगा. प्रसाद ने अर्जेंटीना के सालाता में जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था पर सालाना मंत्रीस्तरीय बैठक के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे. यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रसाद ने सलाता सम्मेलन में कहा कि भारत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के आंकड़ों/ सूचनाओं के दुरुपयोग की खबरों को गंभीरता से लिया है. इस तरह प्लेटफॉर्म को चुनावी प्रक्रिया को किसी भी तरह से प्रभावित करने की छूट नहीं दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि भारत में दुरुपयोग के मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पिछले कुछ महीनों से निगरानी की जा रही है और सरकार सोशल मीडिया मंच के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया है. वास्तव में, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ब्रिटेन की राजनीतिक सलाहकार कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की है. कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने फेसबुक उपयोगकर्ताओं का डेटा बिना उनकी मंजूरी के एकत्र किया. आईटी मंत्री ने कहा कि साइबर दुनिया की सीमारहित प्रकृति ने व्यापार एवं वाणिज्य में असीमित क्षमता पैदा की है. उन्होंने चेताया कि इंटरनेट का गलत इस्तेमाल एक हकीकत है इससे मुकाबले करने के लिये ठोस कार्रवाई की जरूरत है. उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत साइबर स्पेस को सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है. साइबर अपराध और साइबर खतरों के मामलों से निपटने के लिये सरकार सख्त कदम उठायेगी.
डेटा सुरक्षा एवं व्यक्तिगत निजता पर भारत की चिंताओं का उल्लेख करते हुए प्रसाद ने कहा कि निजता नवोन्मेष को रोक नहीं सकती है और न ही भ्रष्टाचारियों और आंतकियों के लिए ढाल बन सकती है. उन्होंने सोसल मीडिया नेटवर्क से कंपनियों को होनेवाली आय का एक हिस्सा उसी देश में निवेश किया जाना चाहिए जहां से आय हुई है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट की दुनिया में सीमाओं की बाधा नहीं और इससे व्यापार व वाणिज्य की विशाल संभावनाए पैदा हो सकती है, लेकिन साइबर की दुनिया को सुरक्षित और संरक्षित बना कर ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण का वास्तवित लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह एक वास्तविकता है कि इंटरनेट के जरिये गलत काम किये जा रहे हैं. इससे मिल कर मुकाबला करने की जरूरत है.