17.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

एयरसेल-मैक्सिस पीएमएलए मामले में ईडी ने चिदंबरम से की पूछताछ

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबम से फिर शुक्रवार को पूछताछ की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चिदंबरम का बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किया जायेगा. समझा जाता है कि जांच एजेंसी इस सौदे के बारे में चिदंबरम से कुछ नये सवाल […]

नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल-मैक्सिस धनशोधन मामले में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबम से फिर शुक्रवार को पूछताछ की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चिदंबरम का बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किया जायेगा.

समझा जाता है कि जांच एजेंसी इस सौदे के बारे में चिदंबरम से कुछ नये सवाल करना चाहती है. उसने इससे पहले इस सौदे के बारे में एफआईपीबी के अधिकारियों का बयान दर्ज किया था. उम्मीद है कि चिदंबरम का उन सभी से आमना-सामना कराया जायेगा. पहले चिदंबरम से उनके वित्त मंत्री रहने के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (जो अब अस्तित्व में नहीं है) द्वारा एयरसेल-मैक्सिस सौदे को मंजूरी देने में अपनायी गयी प्रक्रिया और तत्कालीन स्थिति के बारे में सवाल किये गये थे.

चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से इस मामले में ईडी से दो बार पूछताछ कर चुकी है. जून में ईडी की ऐसी ही पूछताछ के बाद चिदंबरम ने कहा था कि उन्होंने एजेंसी से जो कुछ कहा, वह पहले से ही सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है. उन्होंने यह भी कहा था कि कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है, उसके बाद भी जांच शुरू की गयी. उन्होंने ट्वीट किया था, ‘आधे से ज्यादा समय सवालों के जवाब को बिना किसी त्रुटि के टाईप करने, बयान को पढ़ने और उस पर दस्तखत करने में लगाया गया.’

एयरसेल-मैक्सिस प्रकरण का संबंध विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा मैसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड को एयरसेल में निवेश के लिए दी गयी मंजूरी से है. उच्चतम न्यायालय ने 12 मार्च को सीबीआई और ईडी को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामलों की जांच, जिनमें एयरसेल मैक्सिस कथित धनशोधन प्रकरण भी शामिल है, छह महीने में पूरा करने का निर्देश दिया था. एजेंसी ने कहा था कि एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में एफआईपीबी मंजूरी मार्च, 2006 में चिदंबरम ने दी थी, जबकि वह 600 करोड़ रुपये तक ही परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए अधिकृत थे और उससे अधिक की राशि के लिए आर्थिक मामलों से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) से मंजूरी जरूरी थी.

ईडी तत्कालीन वित्तमंत्री द्वारा दी गयी एफआईपीबी मंजूरी की स्थितियों की जांच कर रही है. ईडी ने आरोप लगाया, ‘इस मामले में 80 करोड़ डॉलर (3500 करोड़ रुपये से अधिक) एफडीआई की मंजूरी मांगी गयी थी. अतएव सीसीईए ही मंजूरी देने के लिए अधिकृत थी. लेकिन, सीसीईए से मंजूरी नहीं ली गयी.’

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel