टोरंटो : खुदकुशी की घटनाओं के बारे में पढ़कर कमजोर दिल वालों पर गहरा असर पड़ता है और वे इस तरह का कदम उठाने के बारे में सोचने लगते हैं.
यह नतीजा वैज्ञानिकों के एक शोध से निकलकर आया है जिन्होंने आत्महत्या पर खबरों के असर को समझने का प्रयास किया.
कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में विस्तृत ब्यौरे और खुदकुशी के बीच महत्वपूर्ण जुड़ाव पाया गया है.
कनाडा में टोरंटो विश्वविद्यालय में मनोरोग चिकित्सक मार्क सिनयोर ने कहा, संवाददाताओं और मीडिया घरानों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि खुदकुशी पर रिपोर्ट से आबादी पर वे वास्तविक प्रभाव डाल सकते हैं.
अध्ययन ने इस बारे में पूर्व के शोध को सही माना है, जिसमें पाया गया है कि आत्महत्या पर खबरें पढ़कर कमजोर दिलवालों में इसी तरह के व्यवहार की प्रवृत्ति पनप सकती है.
सिनयोर ने कहा, जब मीडिया में संकट के समाधान और उम्मीद बढ़ाने वाली खबरें आती हैं तो इससे लोगों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है और यह संकट में घिरे लोगों को ध्यान दिलाती है कि खुदकुशी ही एकमात्र रास्ता नहीं है तथा मदद उपलब्ध है.