गुवाहाटी : राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के सफलतापूर्वक प्रकाशन के लिए राज्य के लोगों को बधाई देते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज कहा कि यह ऐतिहासिक दिन हमेशा लोगों की यादों में रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की प्रत्यक्ष देखरेख में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ भारत के महापंजीयक के सहयोग से आज अंतिम मसौदे के प्रकाशन की प्रक्रिया पूरी की गयी. एनआरसी का बहुप्रतीक्षित दूसरा और अंतिम मसौदा आज सुबह करीब दस बजे प्रकाशित हुआ जिसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.9 करोड़ आवेदकों के नाम हैं.
सोनोवाल ने एनआरसी के काम में शामिल अधिकारियों का आभार जताया. उन्होंने कहा, ‘इस असाधारण काम के लिए मैं एनआरसी के अद्यतन की प्रक्रिया में शामिल 55,000 अधिकारियों और बराक तथा ब्रह्मपुत्र घाटियों, मैदानों और राज्य की पहाड़ियों पर रहने वाले लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं.’ सोनोवाल ने विश्वास जताया कि ‘वृहद असमी समाज के हितों की रक्षा का हथियार’ बना एनआरसी असली भारतीय नागरिकों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करने में सक्षम होगा.’ उन्होंने कहा कि एनआरसी के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर अब तक केंद्र और राज्य सरकारों दोनों ने अपना समर्थन दिया है.
उन्होंने कहा, ‘राज्य में 2016 में जब से भाजपा और उसके सहयोगियों ने सत्ता संभाली है उसके बाद से मैं इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए इस साल 25 मई को एनआरसी कार्यालय गया था.’ सोनोवाल ने लोगों से अनुरोध किया कि अगर उनके नाम सूची में नहीं हैं तो घबराए नहीं क्योंकि सभी असली आवेदकों को दावों तथा आपत्तियों के लिए ‘पूरा मौका’ मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘एनआरसी एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है. इसके प्रकाशन के मद्देनजर प्रत्येक भारतीय नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह शांति बनाए रखें. मैं समाज के हर वर्ग से कोई भी उकसावे वाली या साम्प्रदायिक टिप्पणी करने से बचने की अपील करता हूं.’