20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

अब लिखित शिकायत के बगैर भी हो सकती है जांच शुरू

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि लिखित शिकायत एवं शपथपत्र ना होने की स्थिति में आरोपों को साबित करने के लिए सत्यापन योग्य सामग्री होने पर किसी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जा सकती है. न्यायमूर्ति आर एम सावंत एवं न्यायमूर्ति एस वी कोटवाल की एक खंडपीठ ने गत चार […]

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि लिखित शिकायत एवं शपथपत्र ना होने की स्थिति में आरोपों को साबित करने के लिए सत्यापन योग्य सामग्री होने पर किसी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जा सकती है. न्यायमूर्ति आर एम सावंत एवं न्यायमूर्ति एस वी कोटवाल की एक खंडपीठ ने गत चार मई को दीवानी अदालत के न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) आसिफ तहसीलदार द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी. न्यायाधीश ने याचिका में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार द्वारा 15 जुलाई, 2017 को दो अलग अलग आरोपों को लेकर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के आदेश को चुनौती दी थी .

पहला आरोप तहसीलदार के जालना जिले में दीवानी न्यायाधीश रहते हुए खुद को गलत तरीके से लाभ और राज्य के सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए कथित रूप से आधिकारिक पद का इस्तेमाल करने का था. दूसरी जांच तहसीलदार के कोल्हापुर में न्यायाधीश के तौर पर काम करते हुए कथित रूप से एक व्यक्ति को पीटने और उसे गलत मामले में जेल में डालने की धमकी देने के मामले से जुड़ी है. याचिका में दावा किया गया था कि तहसीलदार के खिलाफ शुरू की गयी विभागीय जांच प्रधान न्यायाधीश द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के उलट है जिसके तहत जांच शुरू करने से पहले किसी न्यायिक अधिकारी के खिलाफ एक लिखित शिकायत एवं विधिवत शपथपत्र देना जरूरी है.
याचिका में कहा गया कि इस मामले में लिखित शिकायत नहीं दी गयी थी. पीठ ने विषय से जुड़े तथ्यों पर ध्यान देने के बाद कहा कि दोनों मामलों में विभागीय जांच शुरू करने से पहले संबंधित न्यायालयों (जालना एवं कोल्हापुर) के प्रधान न्यायाधीशों ने गोपनीय तरीके से जांच की और याचिकाकर्ता के जवाब पर भी विचार किया. अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार ने संबंधित न्यायाधीशों से रिपोर्ट मिलने के बाद ही विभागीय जांच शुरू करने के आदेश दिए.
आगे उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इसलिए जहां तक याचिकाकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच की बात है, आरोपों को साबित करने के लिए सत्यापन योग्य सामग्री है.” अदालत ने कहा कि इसलिए याचिकाकर्ता का यह दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता कि विधिवत दायर किए गए शपथपत्र के साथ लिखित शिकायत ना होने की स्थिति में विभागीय जांच शुरू नहीं की जा सकती.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel