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कर्नाटक चुनाव : छाया हुआ हैं लालू प्रसाद के नाम की माया

बेंगलुरु से अजय कुमार कर्नाटक चुनाव में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद की पार्टी राजद का भले कोई उम्मीदवार न खड़ा हो, पर उनकी छवि का हवाला जरूर दिया जा रहा है. आइटी हब बेंगलुरु की तुलना बिहार में लालू राज के दिनों से की जा रही है. लालू की अंग्रेजी और सीएम सिद्धारमैया […]

बेंगलुरु से अजय कुमार
कर्नाटक चुनाव में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद की पार्टी राजद का भले कोई उम्मीदवार न खड़ा हो, पर उनकी छवि का हवाला जरूर दिया जा रहा है. आइटी हब बेंगलुरु की तुलना बिहार में लालू राज के दिनों से की जा रही है.
लालू की अंग्रेजी और सीएम सिद्धारमैया की अंग्रेजी बोलने में समानताएं बतायी जा रही हैं. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि आज बेंगलुरु की हालत लालू जी के जंगलराज की तरह हो गयी है. जिस तरह बिहार के लोग जंगलराज से ऊब गये थे, ठीक वही हालत आज कर्नाटक में है. लॉ एंड ऑर्डर खराब है. करप्शन बड़े पैमाने पर है. महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. किसान परेशान हैं. कहते हैं- ऐसा ही तो था लालू जी का शासन. दावा करते हैं : सिद्धारमैया जानेवाले हैं. बस वोट का इंतजार कीजिए. अनंत कुमार लालू के अंग्रेजी बोलने के स्टाइल का जिक्र करते हैं.
अंग्रेजी शब्दों के उच्चारण का हवाला देते हैं. तुलना सिद्धारमैया से करते हैं. कहते हैं : यहां के मुख्यमंत्री चैनलों को अंग्रेजी में बाइट देते हैं. वह उसी तरह बोलते हैं जैसे लालू जी बोलते हैं. उनकी अंग्रेजी सुनेंगे, तो आनंद आयेगा. खासकर हिंदी पट्टी के लोगों को समझाने के लिए भाजपा लालू प्रसाद का प्रयोग प्रतीक के रूप में कर रही है.
सिद्दारमैया सरकार की तुलना जंगलराज से कर रही भाजपा
कांग्रेस का विरोध कर उसी की गोद में बैठ गये सिद्धारमैया
अनंत कुमार बताना नहीं भूलते कि कैसे लालू ने जेपी आंदोलन से राजनीतिक कैरियर शुरू कर कांग्रेस का विरोध किया था. पर बाद में विचारधारा से भटक कर कांग्रेस की गोद में बैठ गये. ठीक उसी तरह सिद्धारमैया हैं. वह राजनीतिक कांग्रेस विरोध से शुरू किये. 1977 के जेपी मूवमेंट में हमारे साथ थे.
बाद में जनता पार्टी में रहे फिर देवेगौड़ा की पार्टी में गये और सात साल से कांग्रेस की गोद में है. हां, लालू जी की तरह सिद्धारमैया भी परिवार मोह में फंसे हैं. अपने बेटे को चुनाव में उतार दिया है. परिवारवाद को बढ़ाना कांग्रेस की संस्कृति रही है. उसे लालू और सिद्धारमैया ने आत्मसात कर लिया है. बिहार में लालू प्रसाद को लोगों ने ठुकरा दिया. कर्नाटक में भी कांग्रेस का पतन तय है.
भाजपा में अहम पदों पर परिवारवाद नहीं : अनंत कुमार
परिवारवाद तो भाजपा में भी है? इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि पूरे देश के किसी भी राज्य में भाजपा विधायक दल के नेता, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के स्तर पर परिवारवाद नहीं है.
बिहार और झारखंड भाजपा के प्रभारी रहे अनंत कुमार सिद्धारमैया के कन्नड़ गौरव को नाटक कह रहे हैं. कहा सिद्धारमैया 30 साल तक कन्नड़ विकास प्राधिकार के अध्यक्ष रहे. तब तो उन्होंने कन्नड़ अस्मिता की बात नहीं की.

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