नयी दिल्ली : भारत में अपनी नापाक हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आर्इएसआई सिख युवाओं को प्रशिक्षण देकर तैयार कर रहा है. गृह मंत्रालय ने सोमवार को संसदीय समिति को बताया कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने गुप्त ठिकानों पर इन सिख युवाओं को प्रशिक्षित कर रहा है. यही नहीं, आईएसआई की ओर से कनाडा और अन्य देशों में बसे सिख युवाओं को भी भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है.
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केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने आकलन कमिटी को बताया कि इंटरनेट और सोशल मीडिया का गलत तरीके से इस्तेमाल कर आतंकी संगठन युवाओं को भड़काकर उन्हें और कट्टर बना रहे हैं. यह स्थिति सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है. तीन दिन पहले, सोमवार को संसद में पेश की गयी समिति की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि सिख आतंकवाद को लेकर काफी हलचल देखने को मिल रही है और फिर से सिख आतंकवाद को जीवित करने की कोशिशें की जा रही हैं.
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर आईएसआई की ओर से दबाव दिया जा रहा है कि वे न सिर्फ पंजाब बल्कि भारत के अन्य हिस्सों में आतंक फैलाएं और उसके आतंकी इरादों को अंजाम दें. इसके लिए पाकिस्तान के सिख आतंकी संगठन कैदियों, बेरोजगारों, अपराधियों और यहां तक कि तस्करों को आतंकी हमले करने के लिए तैयार किया जा रहा है.
समिति की रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि इन गतिविधियों पर केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां नजर रखे हुए हैं. उसमें कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर वह उनका सामना करने के लिए तैयार हैं. हालांकि, समिति ने अपनी रिपोर्ट में सबसे बड़ी चुनौती के बारे में भी विस्तार से उल्लेख किया है. उसने कहा कि युवाओं को कट्टर और जेहादी बनाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का गलत तरीके के इस्तेमाल किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है.
गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया कि भारत हमेशा से ही पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के निशाने पर रहा है. इसके अलावा, सिमी, अल-उम्मा और इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठन भी भारत पर नजरें गड़ाये हुए हैं. इन आतंकी संगठनों से निपटना पहले से ही भारत के लिए बड़ी चुनौती था और अब अल-कायदा और आईएस जैसे संगठन भी सामने आ गये. आतंक को लेकर भारत की चुनौतियां लगातार बढ़ी रही हैं.