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सुंजवान हमलाः उरी के बाद सैन्‍य शिविर पर बड़ा आतंकी हमला, पांच जवान शहीद, चार आतंकी ढेर

सुंजवान (जम्मू) : जम्मू के एक सैन्य शिविर पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षाबलों ने अब तक चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. जैश-ए-मोहम्मद के भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर लाइट इंफैंट्री की 36 ब्रिगेड के शिविर पर […]

सुंजवान (जम्मू) : जम्मू के एक सैन्य शिविर पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षाबलों ने अब तक चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. जैश-ए-मोहम्मद के भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर लाइट इंफैंट्री की 36 ब्रिगेड के शिविर पर शनिवार तड़के हमला कर दिया था. सुरक्षाबलों ने कल दो आतंकवादियों को मार गिराया था. वर्ष 2016 में हुए उरी आतंकी हमले के बाद इस हमले को सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है.

अधिकारी ने कहा, ‘‘दो और आतंकवादी मारे गए हैं. इसके साथ ही अब मारे गये आतंकवादियों की संख्या चार हो गयी है.” उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के हमले में कल एक जूनियर कमिशंड अधिकारी (जेसीओ) समेत सेना के दो जवान शहीद हो गए थे. तीन और जवान शहीद हो गये हैं और एक नागरिक भी मारा गया जिसके साथ मृतकों की संख्या छह हो गयी है.

शिविर में घुसे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान रविवार को दूसरे दिन भी जारी है. जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, ‘‘अभियान चल रहा है और क्वार्टरों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है.” उन्होंने बताया कि कई परिवार अब भी वहां हैं और सेना का मकसद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

अधिकारी ने कहा, ‘‘गत रात से कोई गोलीबारी नहीं हुई.” जम्मू क्षेत्र में करीब 15 महीने पहले ऐसा ही हमला हुआ था. 29 नवंबर 2016 को आतंकवादी जम्मू शहर में नगरोटा सैन्य शिविर में घुसे थे जिसमें दो अधिकारी समेत सात सैन्य कर्मी शहीद हो गए थे. इसमें तीन आतंकवादी भी मारे गये थे. आतंकवादी कल सुबह होने से पहले शिविर में घुसे और संतरी से संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद वह पीछे की ओर से शिविर के भीतर घुसे.

अधिकारी ने कहा, ‘‘आतंकवादी आवासीय परिसर में घुसे जिसके बाद त्वरित कार्रवाई दलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और शिविर के भीतर कुछ घरों में छिपे आतंकवादियों को घेर लिया.” शिविर के सामने जम्मू-लखनपुर बाइपास पर वाहनों की आवाजाही जारी है जबकि बुलेट प्रूफ वाहनों में सवार सैन्य कर्मी शिविर के पीछे की ओर आवासीय परिसर से लोगों को निकालने के अभियान में जुटे हैं.

सीआरपीएफ और पुलिस के दल शिविर की दीवार के बाहर तैनात हैं और नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखे हुए हैं. जम्मू में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और शहर में तथा आसपास के इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. खुफिया एजेंसियों ने अफजल गुरू की बरसी के मद्देनजर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सेना या सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले की चेतावनी दी थी. अफजल गुरू को नौ फरवरी 2013 को फांसी दी गयी थी.

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