16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में, पढ़ें भारत पर क्या पड़ेगा असर

नयी दिल्ली : बांग्लादेश ने म्यांमार सीमा के पास के शिविरों में 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों की गिनती की है, जो पिछले अनुमान से ज्यादा है. रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने की तैयारियों के बीच बांग्लादेश की पंजीकरण परियोजना के प्रमुख ने आज यह जानकारी दी. बांग्लादेश की थलसेना ने पिछले साल म्यांमार […]

नयी दिल्ली : बांग्लादेश ने म्यांमार सीमा के पास के शिविरों में 10 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों की गिनती की है, जो पिछले अनुमान से ज्यादा है. रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने की तैयारियों के बीच बांग्लादेश की पंजीकरण परियोजना के प्रमुख ने आज यह जानकारी दी. बांग्लादेश की थलसेना ने पिछले साल म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों के नए जत्थे के देश में दाखिल होने के बाद इन शरणार्थियों का बायोमीट्रिक पंजीकरण शुरू किया था.

म्यांमार में मुस्लिम अल्पसंख्यक दशकों से अत्याचार का सामना करते रहे हैं. शरणार्थियों का पंजीकरण इसलिए किया जा रहा है ताकि उन्हें वापस भेजने में सहूलियत हो. हालांकि, शरणार्थियों का कहना है कि वे वापस नहीं जाना चाहते. बांग्लादेश ने कहा कि वह शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया अगले हफ्ते शुरू करना चाहता है और दो साल के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बांग्लादेश ने म्यांमार से एक समझौता भी किया है.
बांग्लादेशी थलसेना में ब्रिगेडियर जनरल और रोहिंग्या पंजीकरण परियोजना के प्रमुख सईदुर रहमान ने कहा, ‘‘अब तक हमने 1,004,742 रोहिंग्या का पंजीकरण किया है. उन्हें बायोमीट्रिक पंजीकरण कार्ड दिए गए हैं.” उन्होंने कहा कि अभी हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों का पंजीकरण बाकी है. रहमान ने कहा कि ताजा आंकड़े संयुक्त राष्ट्र की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों से ज्यादा हैं. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश में म्यांमार सीमा के पास 962,000 रोहिंग्या रह रहे हैं
रोहिंग्या को भारत में रखने के लिए शरणार्थी कानून का हवाला
ओवैसी व कई अन्य लोग यह कह चुके हैं कि अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून के कारण आप कैसे म्यांमार के विस्थापित समुदाय रोहिंग्या को यहां से वापस भेजोगो? जबकि सरकार के पास इसके लिए दलील है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजेजू कहा चुके हैं कि भारत ने शरणार्थी संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है, इसलिए वह इस माममले में अंतरराष्ट्रीय कानून को मानने के लिए बाध्य नहीं है. हालांकि नियम-कानून से हटकर व्यवहार में कई चीजों को लागू करना आसान नहीं हो पाता और मानवाधिकार पूरी तरह नियमों में बंधा हुआ मसला भी नहीं है. राजनाथ सिंह के आज के सधे बयान में यह संकेत छिपे थे कि सरकार जैसा चाह रही है, वह उतना आसान नहीं है.भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी कहा है कि रोहिंग्या की मदद हम करेंगे, लेकिन उनके देश म्यांमार की सीमा के अंदर. 1990 के दशक से भारत में अाये रोहिंग्या मुसलमानों में 15 हजार के करीब अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानूनों के तहत परमिटधारी है जो यूएनएचसीआर से मिलता है.
भारत में क्या है स्थिति
7096 रोहिंग्या जम्मू, 3059 हैदराबाद, 1200 यूपी, 1114 मेवात, 1061 दिल्ली और 400 जयपुर में
रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है. भारत की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, गुवाहाटी और कोलकाता में बैठे एजेंट (दलाल) इन्हें भारत में घुसपैठ कराने में मदद कर रहे हैं. यह दलाल इन्हें भारतीय पहचान पत्र संबंधी फर्जी दस्तावेज भी मुहैया करवा रहे हैं.दलाल रोहिंग्या मुस्लिमों की बांग्लादेश से घुसपैठ कराते हैं और उन्हें भारत में झुग्गियों और किराये पर बसाने में मदद करते हैं. बांग्लादेश की चार हजार किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. 1900 किलोमीटर सीमा बंगाल से लगती है. यहां पर दो बड़े क्रॉसिंग पॉइंट्स हैं, जहां से घुसपैठ होती है.’ अधिकारी ने आगे बताया कि हमें घुसपैठ रोकने के लिए स्थानीय पुलिस को संवेदनशील बनाना होगा, क्योंकि रोहिंग्या भारत के लिए संभावित खतरा हैं.
इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, करीब 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, 7096 रोहिंग्या जम्मू, 3059 हैदराबाद, 1200 पश्चिमी उत्तर प्रदेश, 1114 मेवात, 1061 दिल्ली और 400 जयपुर में रह रहे हैं. इसके साथ ही दक्षिण भारत में भी कुछ रोहिंग्या मुस्लिमों के बसे होने की खबर है. म्यांमार और बांग्लादेश से रोहिंग्याओं को भारत में घुसपैठ कराने के लिए एक नेटवर्क सक्रिय है. कोलकाता और गुवाहाटी के दलाल रोहिंग्याओं को भारत में घुसपैठ कराने में मदद कर रहे हैं. इतना ही नहीं दलाल उन्हें भारत में रहने को वैधता दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेज भी मुहैया करा रहे हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel