मुंबई : मां ना बन पाने के लिए बार- बार पति को जिम्मेदार ठहराने वाली पत्नी से परेशान पति को 25 सालों के बाद न्याय मिला. मां ना बन पाने के लिए महिला बार – बार पति को जिम्मेदार ठहराती थी. इन दोनों की शादी 1972 में हुई थी लेकिन शादी के बाद से ही दोनों के बीच नहीं बनी. झगड़ा इतना बढ़ा कि 1993 में इन दोनों ने अलग रहने का फैसला लिया और तब से लेकर अबतक दोनों अलग रह रहे हैं.
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तानों से परेशान पति को 25 सालों के बाद मिला इंसाफ
मुंबई : मां ना बन पाने के लिए बार- बार पति को जिम्मेदार ठहराने वाली पत्नी से परेशान पति को 25 सालों के बाद न्याय मिला. मां ना बन पाने के लिए महिला बार – बार पति को जिम्मेदार ठहराती थी. इन दोनों की शादी 1972 में हुई थी लेकिन शादी के बाद से ही […]
2010 में इन दोनों के तलाक को नामंजूर कर दिया गया था. इस फैसले को चुनौती देते हुए जस्टिस केके तातेड़ और एसके कोटवाल की बेंच ने इस मामले का निपटारा कर दिया. पति ने अलग होने के दो सालों के बाद ही 1995 में फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की थी.
पति ने अपनी याचिका में कहा है शादी के बाद मेरी पत्नी ने मेरे साथ कभी अच्छा बर्ताव नहीं किया. हमेशा शिकायत करती रही लड़ती रही. बच्चा ना होने के लिए भी वह मुझे जिम्मेदार ठहराती थी. झगड़े और ताने इतने बढ़ गये कि हम दोनों का साथ रहना मुश्किल हो गया. अब इन दोनों को कोर्ट से तलाक मिल गया है. कोर्ट ने पति को पत्नी का खर्च उठाने के लिए हर महीने पैसै भेजने का आदेश दिया है. जिस घर में महिला रहती है उसे लेकर भी विवाद ना होनों पर यह फैसला लिया गया है.
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