नयी दिल्ली : वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में इटली की मिलान कोर्ट में अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमैकनिका के पूर्व चीफ गिसेपी ओरसी, बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल, अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व शीर्ष अधिकारियों गियूसेपे ओरसी और ब्रूनो स्पेगनोलिनी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. जबकि सीबीआई ने कहा कि इससे जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि फिनमेकानिका और अगस्तावेस्टलैंड के पूर्व शीर्ष अधिकारियों गियूसेपे ओरसी और ब्रूनो स्पेगनोलिनी को बरी किये जाने से एजेंसी के मामले पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि उसका मामला मजबूत साक्ष्यों के साथ स्वतंत्र जांच पर आधारित है.
सूत्रों ने कहा कि इटली की अदालतों में मामला इतालवी अधिकारियों द्वारा एकत्रित सबूतों पर आधारित है जबकि सीबीआई ने मामले में पूरी तरह स्वतंत्र जांच की है. उन्होंने कहा कि मिलान अदालत के आदेश के बाद भी इटली के अधिकारियों के पास अपील करने का एक विकल्प है.
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने यहां कहा, हमने पूरी तरह अलग जांच की है. हमारा मामला बहुत मजबूत है. ओरसी और स्पेगनोलिनी के खिलाफ मामला 2012 में इटली के अधिकारियों द्वारा शुरू की गयी जांच के बाद दर्ज किया गया. इटली के अधिकारी भारत को 12 हेलीकॉप्टरों की बिक्री के लिए 3600 करोड़ रुपये के सौदे में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहे थे.
सोमवार को आये इटली की अदालत के फैसले में इस केस में आरोपी रहे मिशेल और हश्के समेत तीनों बिचौलियों को भी बरी कर दिया गया है. हालांकि भारत में ये दोनों आरोपी वांछित हैं. माना जा रहा है कि इसी केस के एक आरोपी और भारत की वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी मिलान कोर्ट के इस फैसले का इस्तेमाल अपने हक में कर सकते हैं.