गुवाहाटी : सियांग नदी को क्या चीन की नजर लग गयी है ? ‘जी हां’ लेकिन ऐसा हम नहीं कह रहे है. नदी का पानी देखकर आपको भी यही लगेगा, क्योंकि शीशे की तरह साफ दिखने वाला सियांग नदी का पानी काला नजर आने लगा है. इस नदी को अरुणाचल प्रदेश की लाइफलाइन कहा जाता है. इस्ट सियांग जिले के अधिकारियों ने भी इसपर चिंता जाहिर की है और स्थिति को अलार्मिंग बताया है.
अधिकारियों ने बताया है कि नदी अपने साथ काफी गाद लेकर आ रही है जिसके कारण इसका पानी उपयोगकरने लायक नहीं रहा. नदी के पानी में सिमेंट जैसा पदार्थ मिला हुआ नजर आ रहा है जिसके कारण इसके पानी को लोग उपयोग में नहीं ला पा रहे हैं. नदी की इस गंदगी के कारण इसमें मौजूद मछलियोंमर रही है. इस बात की जानकारी पूर्वी सियांग जिले के डिप्टी कमिश्नर ने दी है.
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि मॉनसून के अंत में नदी पूरी तरह काली नजर आने लगी. हमने सोचा कि यह गाद के कारण हो रहा है. मॉनसून खत्म हो चुका है लेकिन फिर भी नदी का पानी साफ नहीं हुआ है. नवंबर से फरवरी तक नदी का पानी शीशे की तरह साफ रहता है लेकिन इस वर्ष स्थिति दूसरी है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमारे दादा-परदादा ने भी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया था.
डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि नदी के पानी का सैंपल केंद्रीय जल आयोग ने कलेक्ट किया है और पहली नजर में यह चीन की गंदी चाल नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नदी के ऊपरी सिरे में भारी तादाद में सीमेंट का काम किया जा रहा है. ऐसा हो सकता है कि चीन ऊपरी भाग में डीप वाटर बोरिंग कर रहा हो और तो कुछ कारण नजर नहीं आ रहा है. दो महीने से नदी का पानी पूरी तरह से काला नजर आ रहा है.
आपको बता दें कि सियांग नदी ब्रह्मपुत्र नदी का प्रमुख घटक है जो 1,600 तक बहती है. दक्षिणी तिब्बत से यह नदी भारत में प्रवेश करती है. सियांग नदी को लोग दिहांग के नाम से भी जानते हैं.