नयी दिल्ली : गुड़गांव के रेयान इंटरनेशन स्कूल के छात्र आैर बिहार के बेटे प्रद्युम्न ठाकुर हत्याकांड में तथाकथित तौर पर संलिप्त बस कंडक्टर अशोक की पत्नी ममता ने सोमवार को दिये अपने बयान ताजा बयान में कहा है कि हम कब से कह रहे हैं कि वह निर्दोष हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस आैर स्कूल प्रशासन ने उनके पति को फंसाया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में वह सही तरीके से जांच आैर न्याय चाहती हैं.
We have been saying for long that he is innocent, this is a conspiracy hatched by school administration and the police. We want proper investigation and justice: Mamta, wife of bus conductor Ashok Kumar #PradyumanMurderCase pic.twitter.com/e8LhkXoQjx
— ANI (@ANI) November 13, 2017
इसके पहले सीबीआर्इ की जांच में इस बात का एक नया खुलासा किया गया है कि बिहार के बेटे की हत्या करने के लिए आरोपी छात्र ने सब्जी मंडी से चाकू खरीदी थी, जबकि हरियाणा पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में इस बात का दावा किया था कि रेयान इंटरनेशनल स्कूल की बस का कंडक्टर अशोक ने उत्तर प्रदेश के आगारा से चाकू की खरीद की थी. सीबीआर्इ का नया खुलासा हरियाणा पुलिस की मंशा पर ही बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.
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गुड़गांव पुलिस पर सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप
इसके साथ ही, बताया यह भी जा रहा है कि सीबीआर्इ के रडार पर आयी हरियाणा पुलिस के उन कर्मचारियों की काॅल डिटेल की जांच की जायेगी, जो बिहार के बेट की हत्या के मामले में जांच कर रहे थे. इसके अलावा इस हत्याकांड में जुटी सीबीआर्इ एक और बड़ा खुलासा किया है आैर वह यह कि गुड़गांव पुलिस ने प्रद्युम्न मर्डर केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी. इतना ही नहीं, पुलिस ने सुबूत मिटाने की भी कोशिश की थी. हरियाणा पुलिस पर पहली बार इस मामले में इतने संगीन आरोप लगे हैं. इससे पहले पुलिस बस कंडक्टर अशोक को आरोपी बनाने में भी घिरी हुई है.
खंगाले जा रहे पुलिस वालों के काॅल्स रिकाॅर्ड्स
सीबीआर्इ सूत्रों का कहना है कि शक के घेरे में आये कुछ पुलिसवालों के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है. कहा यह भी जा रहा है कि इस मामले में कुछ पुलिसवाले गिरफ्तार भी किये जा सकते हैं. सीबीआर्इ के प्रवक्ता आरके गौड़ का कहना है कि जांच में किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी जायेगी. इस मामले में जिससे भी पूछताछ करने की दरकार होगी, उनसे पूछताछ की जायेगी.
सीबीआर्इ ने सबसे पहले आरोपी का किया पहचान
उन्होंने कहा कि सबसे पहले आरोपी की पहचान करने का काम किया जाता है. आरोपी की पहचान होने के बाद फिर मामले से संबंधित लोगों की पहचान की जाती है. जिसके ऊपर भी संदेह होगा, उससे पूछताछ की जायेगी. सीबीआर्इ के अधिकारियों के हवाले से बताया जा रहा है कि गुड़गांव पुलिस ने शुरुआती छानबीन के दौरान लापरवाही और जल्दबाजी की. इसके साथ ही, उस वक्त मीडिया के सामने अशोक द्वारा गुनाह कबूल किये जाने को लेकर भी अब कहा जा रहा है कि उसने पुलिस के भारी दबाव में आकर ऐसा किया था.
बेगुनाह को आरोपी बनाने पर उठ रहे सवाल
बड़ा सवाल यह भी है कि पुलिस कैसे एक बेगुनाह को आरोपी बना सकती है. यह भी कम आश्चर्यजनक नहीं है कि पुलिस आरोपी 11वीं के छात्र से भी कई बार पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन सीसीटीवी फुटेज पर गौर ही नहीं किया, जिसमें वह आरोपी प्रद्युम्न के साथ था. सीबीआर्इ जांच में भी यह बात भी सामने आ रही है कि मीडिया के भारी दबाव और परिजनों के सरकार और ऊपरी कोर्ट में गुहार लगाने के चलते गुड़गांव पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बना दिया था. यही नहीं उसके पास से हथियार पाये जाने का भी दावा किया.