नयी दिल्ली/संयुक्त राष्ट्र :पाकिस्तान को टेररिस्तान बताते हुए शुक्रवार को भारत ने कहा कि वह आतंक का पर्याय बन चुका है. वहां एक फलता-फूलता उद्योग है जो वैश्विक आतंकवाद को पैदा करता है और उसका निर्यात करता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाया था जिसके बाद भारत ने अपने प्रतिक्रिया देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा कि यह कितनी अजीब बात है कि जिस देश ने ओसामा बिन लादेन को संरक्षण दिया और मुल्ला उमर को शरण दे रखी है वही देश खुद को पीडि़त बता रहा है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव एनम गंभीर ने कहा, अब तक पाकिस्तान के सभी पडोसी तथ्यों को तोड-मरोडने, धूर्तता, बेईमानी तथा छल-कपट पर आधारित कहानियां तैयार करने की उसकी चालों से भलीभांति परिचित हैं और परेशान हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि वैकल्पिक तथ्यों को तैयार करने के प्रयासों से वास्तविकता नहीं बदल जाती.
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भारतीय राजनयिक एनम ने कहा, पाकिस्तान अपने छोटे से इतिहास में आतंक का पर्याय बन चुका है. वह भूमि जिसे पाक बनाना था वह अब वास्तव में विशुद्ध आतंक की भूमि बन चुकी है. पाकिस्तान अब टेररिस्तान है जहां वैश्विक आतंकवाद का फलता-फूलता उद्योग है जो आतंक पैदा कर रहा है और उसका निर्यात कर रहा है. उन्होंने कहा, उसकी वर्तमान स्थिति का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि लश्कर ए तैयबा जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया है, उसका प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद अब राजनीतिक दल का नेता बनने की तैयारी कर रहा है.
#WATCH: India hits out at Pakistan calling it 'Terroristan'-with a flourishing industry producing & exporting global terrorism #UN #Geneva pic.twitter.com/nmFlvBeVM1
— ANI (@ANI) September 22, 2017
वैश्विक आतंकी नेताओं कासुरक्षित पनाहगाह है पाकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव एनम गंभीर ने कटाक्ष करते हुए कहा, पाकिस्तान की आतंक निरोधी नीति का मकसद अपने सैन्य शहर में वैश्विक आतंकी नेताओं को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करवाना या उन्हें राजनीति में लाकर संरक्षण देकर आतंकवाद को किसी तरह मुख्यधारा में लाना और उन्हें बढ़ावा देना है. उन्होंने जोर देकर कहा, लेकिन इसमें से कुछ भी पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर राज्य पर लालच भरी नजर डालने के प्रयासों को सही साबित नहीं कर सकता, जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा. पाकिस्तान चाहे सीमा पार आतंकवाद को कितना ही बढाये लेकिन वह भारत की क्षेत्रीय अखंडता को कमतर करने में कभी कामयाब नहीं होगा.
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अब्बासी का आरोप
अब्बासी ने आरोप लगाया था कि भारत उनके देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में लिप्त है, साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि नियंत्रण रेखा पार करने के भारत के दुस्साहस और पाकिस्तान के खिलाफ सीमित युद्ध के उसके सिद्धांत का पाकिस्तान माकूल जवाब देगा. उन्होंने संरा से मांग की थी कि वह कश्मीर में विशेष दूत नियुक्त करे. उन्होंने दावा किया कि क्षेत्र में लोगों के संघर्ष को भारत ने बर्बरता से दबाया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए अब्बासी ने दावा किया कि उनके देश में तालिबान का कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है. अब्बासी ने कहा, वैश्विक आतंक निरोधी अभियान में अपनी भूमिका की वजह से पाकिस्तान ने बहुत परेशानियां उठाई और कई कुर्बानियां दी, इसलिए उसे अफगानिस्तान में सेना अथवा राजनीतिक गतिरोध के लिए दोषी ठहराना बहुत अधिक कष्टकारी है.
भारत का पाकिस्तान को जोरदार तमाचा
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए गंभीर ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय सैन्य एवं विकास सहायता में प्राप्त अरबों डॉलर की रकम का इस्तेमाल अपने क्षेत्र में आतंक का खतरनाक ढांचा बनाने में किया और अब वह शोर मचा रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में उसने बडी कीमत चुकायी है. एनम ने कहा, यह ऐसा मामला है कि प्रदूषण फैलाने वाला ही अब उसकी कीमत चुका रहा है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान में आतंकी फल-फूल रहे हैं और वहां की गलियों में सजा से छूट पाकर घूम रहे हैं, ऐसे समय वह हमें भारत में मानवाधिकारों के संरक्षण को लेकर भाषण सुना रहा है. दुनिया को ऐसे देश से लोकतंत्र और मानवाधिकारों के बारे में सबक सीखने की जरुरत नहीं है जिसकी खुद की स्थिति खुले तौर पर विफल राष्ट्र के तौर पर बताई गयी है.एनम ने कहा, टेररिस्तान एक ऐसा क्षेत्र है जिसके आतंक के वैश्विकरण में योगदान की तुलना हो ही नहीं सकती। पाकिस्तान को केवल यह समझाया जा सकता है कि वह दुनिया को तबाह करने के विचार को त्याग दे क्योंकि इसकी वजह से पूरी दुनिया को कष्ट उठाना पडा है. अगर उसे समझाया जा सके कि यदि वह सभ्यता, व्यवस्था और अमन के प्रति प्रतिबद्धता जताएगा तभी उसे साझा हितों से जुडे राष्ट्रों के संघ में स्वीकार्यता मिल सकती है.
पाकिस्तान को करारा जवाब
#WATCH:In response to Pak PM Abbasi's address at #UNGA,India says World doesn't need lessons on democracy & human rights from a failed state pic.twitter.com/RsvJmgOM9L
— ANI (@ANI) September 22, 2017