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Coronavirus Lockdown UP Update : कोरोना के खिलाफ जंग, बढ़ रहे मदद के हाथ

कोराना वायरस के खिलाफ जंग में छोटे संगठनों और एनजीओ ने जरूरतमंदों तक भोजन और अन्य सामान पहुंचाने का बीडा उठाया है. ये संगठन हालांकि बड़े पैमाने पर लोगों की मदद की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन गली, मोहल्लों और गांवों में एक छोटी आबादी की जरूरतों को अवश्य पूरा कर रहे हैं.

लखनऊ : कोराना वायरस के खिलाफ जंग में छोटे संगठनों और एनजीओ ने जरूरतमंदों तक भोजन और अन्य सामान पहुंचाने का बीडा उठाया है. ये संगठन हालांकि बड़े पैमाने पर लोगों की मदद की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन गली, मोहल्लों और गांवों में एक छोटी आबादी की जरूरतों को अवश्य पूरा कर रहे हैं. मदद का हाथ बढ़ाने वाले लोगों में कला, रंगमंच और मीडिया सहित अलग अलग क्षेत्रों और पेशों से जुड़े लोग शामिल हैं.

वरिष्ठ फोटो पत्रकार प्रवीण जैन नयी दिल्ली से लखनऊ कवरेज पर आये थे. उन्होंने बताया कि जब वह दिल्ली से चले थे तो उत्तर प्रदेश के तमाम लोग वहां से अपने घरों को पैदल ही चल पड़े थे. ”मैंने एक्सप्रेस-वे पर पानी की बोतलें लोगों को पहुंचायीं क्योंकि गर्मी से बेहाल लोगों को पहले पहल पानी की ही आवश्यकता थी.”

जैन ने बताया कि रास्ते भर वह लोगों को केले बांटते आये क्योंकि खाने की किसी और चीज का इंतजाम करना संभव नहीं था. लखनऊ में जैन रात को सड़कों पर कुत्तों सहित पशुओं को बिस्किट, आटा और ब्रेड भी खिला रहे हैं. ”आदमी तो अपना ध्यान रख लेता है, लेकिन बेजुबान पशुओं का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है क्योंकि वे भी भूख से बेहाल हैं.” उन्होंने कहा कि ‘एसाइनमेंट’ के साथ-साथ लोगों की मदद कहीं ज्यादा सुकून दे रही है क्योंकि ऐसी आपदाओं में केवल सरकारी मशीनरी पर निर्भर नहीं रहा जा सकता. समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को भी मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए.

रंगकर्मी कमलकांत और उनके साथी दस दस लोगों के भोजन का प्रबंध देख रहे हैं. ये सब वे लोग हैं, जो थियेटर से जुड़े समूहों और संस्थाओं में सबसे निचले पायदान पर काम करते हैं. कमलकांत ने कहा कि एक व्यक्ति दस का ध्यान रख रहा है. इतना ही काफी है. दस-दस करके हम लगभग सात-आठ सौ लोगों की हिस्से-हिस्से में मदद कर पा रहे हैं.

टैटू आर्टिस्ट कुमारी नेहा, पेंटर माइकल, गैराज मालिक सलीम और उनके साथी सैनिटाइजर, साबुन, दवाओं और मास्क का वितरण कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये बहुत बड़े स्तर पर नहीं है, लेकिन आते जाते जितना भी कर सकते हैं, हम सब मिलकर करने का प्रयास करते हैं. अकील फाउण्डेशन ने लॉकडाउन खुलने तक सौ परिवारों को गोद लिया है.

फाउण्डेशन के अध्यक्ष अकील सिद्दीकी ने कहा, ”सौ परिवारों के घरों के राशन की जिम्मेदारी उठायी है. हम सब लोग अपनी सैलरी से यह कार्य कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि आटा, चावल, दाल, आलू, प्याज, सब्जी, तेल, नमक, माचिस, साबुन, मसाला, बच्चों के लिए बिस्किट और चाकलेट का वितरण हम सौ परिवारों को कर रहे हैं.

सिद्दीकी ने कहा कि ऐसे पांच पांच लोग भी मदद का हाथ बढ़ा दें तो सरकार और जिला प्रशासन को तो आसानी होगी ही, समाज के बेसहारा, जरूरतमंद लोगों को सहारा मिलेगा और लोग सड़कों पर नहीं निकलेंगे. इससे अच्छी सेवा और कोई हो नहीं सकती. विमल कुमार ने (काल्पनिक नाम) नाम सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा, ”अपने मोहल्ले और आसपास रोजाना 50 परिवारों को राशन और 200 लोगों को खाने के पैकेट हम लोग पहुंचा रहे हैं. इस काम में क्षेत्र के बड़े, बुजुर्ग और खासकर युवा खासी मदद कर रहे हैं.”

Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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