संवाददाता,पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बिहार-झारखंड की सीमा को चाक-चौबंद करने को लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक में अहम फैसले लिये गये. सीइओ कार्यालय के अनुसार दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक में तय किया गया कि सीमावर्ती जिलों में बेहतर समन्वय के लिए प्रत्येक जिले से नोडल अधिकारी नियुक्त किये जायेंगे. साथ ही पुलिस पदाधिकारियों के बीच मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान, अपराधियों व असामाजिक तत्वों की सूची साझा करने और उनके खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया जायेगा. नक्सली व सांप्रदायिक गतिविधियों से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान का भी नियमित रूप से किया जायेगा. सीइओ कार्यालय के अनुसार विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के साथ-साथ संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान को प्रभावी बनाने के लिए गया में बिहार और झारखंड के सीमावर्ती जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई. बैठक में आयुक्त मगध प्रमंडल सफीना एएन और डीआइजी मगध क्षेत्र मौजूद रहे. बैठक में झारखंड की ओर से प्रमंडलीय आयुक्त पलामू व उत्तरी छोटानागपुर (हजारीबाग), पुलिस उप महानिरीक्षक पलामू व उत्तरी छोटानागपुर, कोडरमा, चतरा, हजारीबाग और पलामू के उपायुक्त, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, गया, नवादा और औरंगाबाद के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों सीआरपीएफ, कोबरा और एसएसबी के अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में दोनों राज्य के अधिकारियों में सहमति बनी कि अवैध हथियार, विस्फोटक और नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए चेक पोस्टों की संख्या बढ़ायी जायेगी, बॉर्डर पर सघन जांच अभियान चलाने और संवेदनशील स्थानों पर क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) की तैनाती पर भी होगी.
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