जगन्नाथपुर.
जगन्नाथपुर शिव मंदिर दुर्गा पूजा समिति का इतिहास वर्ष 1957 से जुड़ा है. उसी वर्ष पहली बार स्वर्गीय मनबोध साव की जमीन पर तिरपाल बांधकर मां दुर्गा की पूजा की शुरुआत हुई थी. उस समय पूजा की लागत मात्र 750 रुपये थी, जो अब बढ़कर 2 लाख रुपये से अधिक हो चुकी है. यह पूजा एक व्यक्ति की मन्नत पूरी होने पर शुरू की गयी थी और तब से निरंतर जारी है.मंडप और मंदिर निर्माण
पूजा के आयोजन के लिए जीतवाहन रजक ने उदारता दिखाते हुए मंडप और शिव मंदिर के लिए जमीन दान की थी. मंडप निर्माण का खर्च गांववासियों ने फिल्म “पर्दा” का प्रदर्शन कर चंदा इकट्ठा करके पूरा किया था. इस कार्य में केदार गुप्ता, मोहन गुप्ता, सुमेरु महापात्र, विष्णु गुप्ता और हरीश प्रसाद जैसे कई लोगों का विशेष योगदान रहा. आज यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जगन्नाथपुर की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है.
दूसरी पूजा की नींव
जगन्नाथपुर में वर्तमान में दो स्थानों पर दुर्गा पूजा का आयोजन होता है. दूसरी पूजा की शुरुआत वर्ष 1975 में श्रीराम महावीर मंदिर परिसर में हुई थी. इसकी नींव आदित्य साहू, महावीर साहू, गणेश साव और उनके सहयोगियों ने रखी थी. कुछ वर्षों बाद इसकी जिम्मेदारी गांव को सौंप दी गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

