कोलकाता.
राज्य के पूर्व मंत्री और जंगीपुर के तृणमूल कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन पर हुए जानलेवा हमले के मामले में बड़ा मोड़ आया है. बुधवार को बैंकशाल अदालत स्थित स्पेशल एनआइए कोर्ट ने इस मामले के गिरफ्तार तीन आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) ने आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करने में नाकाम रही है. बरी होनेवाले लोगों के नाम ईशा खान, अबू सामद और सईदुल इस्लाम हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2021 के फरवरी में मुर्शिदाबाद के नीमतीता रेलवे स्टेशन परिसर पर यह हमला हुआ था. इस घटना में हुसैन व अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये थे. घटना की शुरुआती जांच राज्य पुलिस और सीआइडी ने की थी. बाद में मामले की जांच का जिम्मा एनआइए ने लिया. जांच एजेंसी ने ईशा खान, अबू सामद और सईदुल इस्लाम नामक तीन लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, लेकिन सुनवाई के दौरान एजेंसी आरोप सिद्ध नहीं कर पायी.अदालत के अनुसार, किसी गवाह ने आरोपियों की पहचान नहीं की. उनके पास से कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ. यहां तक कि यह भी साबित नहीं हो सका कि हमले के समय हुसैन ट्रेन से यात्रा करने वाले थे. अदालत ने यह सवाल भी उठाया कि विस्फोट में हुसैन तो गंभीर रूप से घायल हुए, लेकिन उनके साथ मौजूद 12 सुरक्षा कर्मियों को कोई चोट कैसे नहीं आयी. सभी तथ्यों की समीक्षा के बाद अदालत ने बुधवार को तीनों आरोपियों को बरी कर दिया. इस फैसले के बाद एनआइए की जांच की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं.
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