छपरा. सदर अस्पताल छपरा का शव परीक्षा भवन (पोस्टमार्टम हाउस) बदहाली का शिकार हो गया है. यहां न सिर्फ साफ-सफाई का अभाव है, बल्कि शवों को रखने की समुचित व्यवस्था भी नहीं है. सबसे चिंताजनक स्थिति विसरा रखने वाले कमरे की है. जिसका दरवाजा पूरी तरह टूटा हुआ है. उत्तर दिशा की खाली जगह में कूड़े-कचरे का ढेर लगा हुआ है. जिससे आसपास बदबू और गंदगी का माहौल बना हुआ है. शवगृह में वर्तमान में दो शवों को रखने के लिए वातानुकूलित बॉक्स की व्यवस्था है, लेकिन पोस्टमार्टम के लिए लाये जाने वाले शवों की संख्या प्रायः इससे कहीं अधिक होती है. कई बार तो यह संख्या 10 के पार भी पहुंच जाती है. इनमें अधिकतर शव अनाथ, भिखारी,और अज्ञात व्यक्तियों के होते हैं, जो पड़े रहते हैं. पोस्टमार्टम करने वाले कर्मचारी राजेश कुमार ने बताया कि मौजूदा स्थिति बेहद असुविधाजनक है और कम से कम छह शव रखने की व्यवस्था (छह सेल्फ बॉक्स) होनी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि अत्यधिक शवों के पड़े रहने से संक्रमण और दुर्गंध की समस्या उत्पन्न होती है, जो स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों दोनों के लिए खतरा बन सकती है. वहीं, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस संबंध में बॉक्स की मांग स्वास्थ्य विभाग से कर दी गयी है और जल्द ही आवश्यक संसाधन उपलब्ध होने की उम्मीद है. सबसे अहम सवाल यह है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर स्वास्थ्य अधिकारियों की नजर अब तक क्यों नहीं पड़ी. जब तक उचित कदम नहीं उठाये जाते, शवगृह की बदहाली जनस्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बनी रहेगी.
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