आइआइटी के इमरेटिस प्रोफेसर डॉ वीपी त्रिपाठी ने लोगों से किया संवाद धर्म, समाज और हिंसा पर रखी अपनी बात, लोगों के सवालों का दिया जवाब उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर द यूनिवर्सिटी ऑफ द फ्यूचर की ओर से रविवार को नया टोला स्थित हरीतिमा में वैज्ञानिक, शिक्षाविद् व समाजसेवी प्रो विपिन कुमार त्रिपाठी के साथ संवाद का आयोजन किया गया. प्रो त्रिपाठी पटना के कार्यक्रम के बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे थे. आइआइटी दिल्ली के प्रो एमेरिटस प्रो. त्रिपाठी अपने प्लाज़्मा भौतिकी के शोध विशेषकर माइक्रोवेव प्लाज़्मा अंतःक्रिया और लेजर प्लाज़्मा अध्ययनों के लिये जाने जाते हैं. विज्ञान के साथ उन्होंने सद्भाव मिशन की स्थापना की, जो भारत में सांप्रदायिक सद्भाव और शिक्षा के प्रसार हेतु कार्यरत है. उन्हें सुनने के लिये काफी लोग पहुंचे थे. कार्यक्रम की शुरुआत लेखिका शेफाली ने की. उन्होंने कहा कि प्रो त्रिपाठी ज्ञान की उस धारा को परिभाषित करते हैं, जो ज्ञान को सिर्फ किताबों, भाषणों तक सीमित नहीं करता, बल्कि वह सामाजिक बदलाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. वह देश व विश्व के विभिन्न मुद्दों पर वह सड़कों, गलियों, बस्तियों, गांव में चल कर लोगों के बीच सद्भावना स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं. प्रो त्रिपाठी ने कहा कि दुनिया में चार प्रकार की हिंसा होती आ रही हैं. पारिवारिक, जातीय, सांप्रदायिक और युद्ध जनित हिंसा. हिंसा करने वाले जुल्मी के पीछे राजसत्ता की ताक़त होती है. दक्षिण अफ़्रीका में गांधी ने रंगभेद के खिलाफ अहिंसा और सत्याग्रह के बल पर विजय प्राप्त की थी. उन्होंने कहा कि जातीय भेद-भाव और दमन-उत्पीड़न तीन हजार वर्षों से चला आ रहा है. सत्ताधारी वर्ग ने शोषण जारी रखने के लिये वर्ण जाति की व्यवस्था खड़ी की, जिसे धर्म ने मज़बूत किया, जबकि धर्म का मूलभूत काम मानवीय एकता का संदेश फैलाना है. इन्होंने लोगों के सवालों का भी जवाब दिया. इस मौके पर शाहिद कमाल, भाकपा माले के कृष्ण मोहन, बैजू कुमार, प्राध्यापक अनिमेष कुमार सिंह, यशवंत, उपेंद्र कौशिक, जलाल असग़र फरीदी अरविंद कुमार, पुस्तकालय विभागाध्यक्ष कौशल किशोर चौधरी, दिवाकर घोष, धीरेंद्र कुमार, अल्तमश दाउदी, सुकेश कुमार, रौशन कुमार, अमरनाथ सिंह, पूजा, तनु, अंशु सहित कई मौजूद थे. फोटो – दीपक – 22
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

