छपरा. छपरा जंक्शन पर अवैध वेंडरों की बढ़ती सक्रियता ने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिये हैं. रविवार की रात डाउन गरीब रथ एक्सप्रेस के आगमन के समय प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर गुटखा बेचने वाली दो महिला वेंडरों के बीच तीखी बहस के बाद हाथापाई हो गयी. इस अप्रत्याशित घटना से प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्री सहम गये. बढ़ती अवैध वेंडिंग के बावजूद आरपीएफ और सीआइबी की निष्क्रियता साफ झलकती है. गुटखा, तंबाकू और प्लास्टिक जैसे प्रतिबंधित वस्तुओं की खुलेआम बिक्री न केवल प्लेटफॉर्म पर, बल्कि सर्कुलेटिंग एरिया और आरक्षित टिकट काउंटर के पास भी देखी जा सकती है. मादक पदार्थों की बिक्री पर कागजों में भले ही रोक हो, लेकिन ट्रेनों के अंदर तक इनकी बिक्री बेरोकटोक जारी है. रेलवे के आला अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान अस्थायी सफाई दिखती है, लेकिन निरीक्षण समाप्त होते ही स्थिति जस की तस हो जाती है. आरपीएफ और जीआरपी द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है, मगर केवल जुर्माना वसूल कर छोड़ देने की नीति के कारण अवैध वेंडरों में कोई डर नहीं बचा है.
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