Sambalpur News : भारत के प्रमुख बिजनेस स्कूलों में से एक भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) संबलपुर ने नवाचार, अनुसंधान और समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए श्री श्री विश्वविद्यालय (एसएसयू) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस सहयोग का उद्देश्य कार्यशालाओं, शोध परियोजनाओं, प्रकाशनों और जीवंत छात्र विनिमय कार्यक्रमों सहित कई संयुक्त पहलों के माध्यम से दोनों संस्थानों के बीच एक दीर्घकालिक शैक्षिक और अनुसंधान साझेदारी का निर्माण करना है. हस्ताक्षर समारोह में श्री श्री विश्वविद्यालय के संस्थापक श्री रविशंकर की उपस्थिति रही. वहीं आइआइएम संबलपुर के निदेशक प्रो महादेव प्रसाद जायसवाल और श्री श्री विश्वविद्यालय की अध्यक्ष प्रोफेसर (श्रीमती) रंजीता कुलकर्णी के साथ-साथ दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी और संकाय सदस्य भी उपस्थित थे. इस समझौते के तहत, दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से डेटा साइंस और उससे जुड़े क्षेत्रों जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित विभिन्न शैक्षिक कार्यशालाओं, सेमिनारों, वेबिनार और अल्पकालिक पाठ्यक्रमों का आयोजन करेंगे. इस साझेदारी में एक गतिशील छात्र विनिमय कार्यक्रम की भी परिकल्पना की गयी है, जिसमें दोनों विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्य और अकादमिक विशेषज्ञ अपने ज्ञान को साझा करेंगे और स्नातक और स्नातकोत्तर स्तरों पर व्याख्यान देंगे. इसके अलावा, छात्र सहयोगात्मक शैक्षणिक मॉड्यूल और अनुभवात्मक शिक्षण परियोजनाओं में भाग लेंगे, जिसमें आवास और रसद सहायता की पारस्परिक व्यवस्था भी शामिल होगी. इसके अलावा, दोनों संस्थान संयुक्त रूप से अनुसंधान और प्रकाशन गतिविधियों में संलग्न होंगे, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से धन के लिए आवेदन करेंगे और प्रतिष्ठित समकक्ष-समीक्षित पत्रिकाओं में शोध पत्रों का सह-लेखन करेंगे. इस सहयोग पर टिप्पणी करते हुए, आइआइएम संबलपुर के निदेशक, प्रो महादेव प्रसाद जायसवाल ने कहा कि नवाचार और समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए श्री श्री विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करके हमें खुशी हो रही है. यह साझेदारी आधुनिक प्रबंधन शिक्षा को मानवीय मूल्यों और सामाजिक प्रभाव के साथ एकीकृत करने के हमारे साझा दृष्टिकोण को पुष्ट करती है. यह सहयोग डेटा विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, प्रबंधन, तनाव प्रबंधन और अध्यात्म जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित होगा. साथ मिलकर, हम ऐसे भावी नेताओं को विकसित करना चाहते हैं जो न केवल कुशल और नवोन्मेषी हों, बल्कि नैतिकता और करुणा में भी निपुण हों. यह सहयोग ओडिशा के उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो जिम्मेदार नेताओं को विकसित करने, शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और समावेशी विकास और नवाचार की संस्कृति को पोषित करने के दोनों संस्थानों के साझा दृष्टिकोण को मजबूत करता है.
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