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Samastipur News:शैक्षणिक गतिविधियों की होगी माॅनीटरिंग

Samastipur News:समस्तीपुर : सभी सरकारी विद्यालयों में प्रबंधन की व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी. इसके अंतर्गत शिक्षक मार्गदर्शिका के पूर्णतया अनुपालन की तैयारी है. इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जिला

Samastipur News:समस्तीपुर : सभी सरकारी विद्यालयों में प्रबंधन की व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी. इसके अंतर्गत शिक्षक मार्गदर्शिका के पूर्णतया अनुपालन की तैयारी है. इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है. प्रत्येक विद्यालय में छात्र उपस्थिति के साथ ही विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन एवं अभिभावक प्रबंधन लागू होगा. शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे पोशाक में अपने बस्ते में विद्यालय की समय-सारणी के अनुसार सभी विषयों की पाठ्य-पुस्तकें, नोटबुक, पेंसिल बाक्स, पानी के बोतल के साथ स्नान कर कटे-संवरे बाल एवं कटे नाखून में आयें. शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य में पहली से 12वीं कक्षा तक सरकारी विद्यालयों में शिक्षक मार्गदर्शिका सख्ती से लागू कराई जायेगी. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी सरकारी स्कूलों में प्रबंधन की व्यवस्था नियमानुसार लागू होगी. शिक्षा विभाग ने छात्रों की उपस्थिति के साथ ही विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन एवं अभिभावक प्रबंधन लागू करने का निर्देश दिया है. विद्यालय प्रबंधन के अंतर्गत स्कूल संचालन अवधि के कम-से-कम 10 मिनट पहले शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है. शिक्षक अभिभावक बैठक भी आवश्यक है. हर तीन माह पर बच्चों को प्रोग्रेस कार्ड देने को कहा गया है. इसके लिए बच्चों को नियमित रूप से होमवर्क दिये जायेंगे. सरकारी स्कूलों में 14 जनवरी 2025 को लागू प्रबंधन प्रणाली की अद्यतन स्थिति जानना जरूरी है. इसके लिए प्रत्येक स्कूल में प्रबंधन प्रणाली पर रिपोर्ट तैयार की जायेगी. प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत छात्र संरचना के साथ-साथ विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन के बारे में जानकारी एकत्रित की जायेगी, जिसमें यह आकलन किया जायेगा कि नई व्यवस्था किस हद तक सफल रही है और यदि किसी विद्यालय में लापरवाही के कारण कोई कमी रह गई है तो उसे भी सुधारा जायेगा. वहीं, कक्षा प्रबंधन के अंतर्गत प्रतिदिन उपस्थित और अनुपस्थित बच्चों की तिथि, विषय और संख्या दर्ज की जा रही है या नहीं. कक्षा में अधिक बच्चे होने पर सेक्शन की व्यवस्था की गई है या नहीं. बहुस्तरीय कक्षा में निचली कक्षाओं के बच्चों को पहली पंक्ति में बैठाते समय प्राथमिकता क्रम का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं. शिक्षक पाठ योजना का कड़ाई से पालन कर रहे हैं या नहीं. साथ ही जिले के सभी सरकारी हाईस्कूलों व प्लस-टू विद्यालयों में विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति (एसएमडीसी) गठित कराने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन, अधिकतर स्कूलों में यह समिति गठित नहीं होने की बात सामने आयी है. समिति विद्यालय की रीढ़ मानी जाती है. लेकिन, इसके गठित नहीं होने पर कई विकासात्मक योजनाएं बाधित हो सकती. विद्यालय में शिक्षण प्रक्रिया को बेहतर बनाना, छात्र व शिक्षकों की उपस्थिति का अनुश्रवण भी इस समिति द्वारा किया जायेगा.

शिक्षक तैयार करेंगे पाठ टीका

सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रत्येक दिन पाठ टीका (अगले दिन की पढ़ाई की प्लानिंग) तैयार करना होगा. पाठ टीका में शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाये जाने वाले चैप्टर के बारे में लिखना होगा. इसी आधार पर शिक्षकों को अगले दिन पढ़ाना होगा. इसमें यह लिखना होता है कि किस शिक्षक ने कितनी घंटी ली. पाठ टीका का स्पष्ट अर्थ है कि शिक्षकों ने प्रतिदिन कौन से कार्य किये और अगले दिन क्या करना है, इन सबकी जानकारी अंकित करेंगे. ताकि ये सब बातें उन्हें याद रहे कि आगे क्या करना है. इस तरह से महीने भर का पाठ टीका तैयार किया जा सकता है. साथ ही टीएलएम व एफएलएन स्कूल किट का इस्तेमाल नहीं करने पर स्कूल के प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई होगी. बच्चों के लिए एफएलएन स्कूल किट विद्यालयों को उपलब्ध कराया गया है. स्कूलों के निरीक्षण में ऐसा पाया जा रहा है कि विद्यालयों द्वारा एफएलएन स्कूल किट को सुरक्षित अलमारी में या बांधकर कहीं अन्यत्र रखा गया है. उसका उपयोग बच्चों के बीच नहीं किया जा रहा है. एफएलएन स्कूल किट का प्रयोग बच्चों को पढ़ने में प्रतिदिन किया जाना है.

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