उदासीन गृहस्थ ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद, छतरपुर के तत्वावधान में हुआ आयोजन
कार्यक्रम में महंत श्री बजरंगी दास महाराज ने कहा कि उदासीनाचार्य भगवान श्रीचंद्र जी स्वयं आदि देव भगवान शिव के अवतार थे. उन्होंने समाज में व्याप्त मतभेदों को समाप्त कर, सभी को एकता के सूत्र में बांधते हुए सनातन धर्म के मूल्यों की पुनः स्थापना की.
महाराज नकुल दास ने उदासीनाचार्य भगवान श्रीचंद्र जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के युग में उनके सिद्धांतों को समझना और उनके दिखाये मार्ग पर चलना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि श्रीचंद्र जी का जीवन हमें त्याग, सेवा और आध्यात्मिक जागरूकता की प्रेरणा देता है.
समारोह में उपस्थित रहे अनेक श्रद्धालु व समाजसेवीइस अवसर पर त्रिवेणी दास, उपेंद्र कुमार, अनिल दास, मृत्युंजय दास, टीपू बाबा, अखिलेश दास, अमित पांडेय, अशोक दास समेत समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं श्रद्धालु उपस्थित थे.
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