शहर के राजबाड़ी में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर कथा का आयोजन संवाददाता, जामताड़ा. शहर के राजबाड़ी में नवनिर्मित नवग्रह मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बुधवार की देर शाम वृंदावन धाम के प्रसिद्ध कथावाचक श्रीश्री अंकित कृष्ण महाराज जी ने कथा सुनाया. उन्होंने नवग्रह देवता के पूजन की विधि और नवग्रह शांति पूजा के महत्व पर प्रकाश डाला. बताया कि नवग्रहों की पूजा से नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाई जा सकती है. कथावाचक ने पूजा की शुरुआत गणेश पूजन से करने और फिर नवग्रहों की स्थापना और मंत्र जाप करने की विधि बतायी. नवग्रहों के आशीर्वाद के लिए हवन और आरती के साथ पूजा समाप्त करने की बात कही. कथावाचक ने नवग्रह पूजन की विधि को विस्तार से समझाया. कहा, पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से होती है, जो विघ्नहर्ता माने जाते हैं. इसके बाद कलश की स्थापना नवग्रह पूजा में महत्वपूर्ण है, जो देवताओं का प्रतीक है. इसी क्रम में ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) का आह्वान किया जाता है. प्रत्येक ग्रह के बीच मंत्रों का जाप किया जाता है. नवग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हवन किया जाता है. आरती के साथ पूजा समाप्त होती है और प्रसाद का वितरण किया जाता है. कथावाचक ने कहा कि यह पूजा जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करती है. यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत कर रहे हैं या जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना कर रहे हैं. श्रोताओं को यह भी सलाह दी कि वे नवग्रहों की पूजा श्रद्धा और विश्वास के साथ करें और नियमित रूप से नवग्रहों के मंत्रों का जाप करें. संगीतमय प्रवचन के दौरान वृंदावन धाम के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भजन पर श्रोता मध्य रात्रि तक झमते रहे. आयोजन समिति के संयोजक तरुण कुमार गुप्ता ने कहा मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को ऐतिहासिक बनाने में शहरवासियों का जो सहयोग मिला वह प्रशंसनीय है. मौके पर नृत्य गोपाल सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मोहनलाल बर्मन, रमेश राउत सहित अन्य थे.
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