बच्चे, बूढ़े व जवान हाथों में झंडा लिए जुलूस में हुए शामिल दरभंगा/अलीनगर. 12वीं रबीउल अव्वल के अवसर पर शुक्रवार को जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के रूप में शहर से लेकर गांव तक पूरे अकीदत के साथ जुलूसे मुहम्मदी निकाला गया. सुबह सात बजे दरभंगा के किलाघाट से निकला जुलूसे मुहम्मदी नारे तकबीर और नारे रिसालत की गूंज के साथ बढ़ता रहा. जुलूस का आयोजन अंजुमन कारवाने ए मिल्लत वेलफेयर ट्रस्ट और अंजुमन खुददामे मिल्लत की ओर से किया गया था. जुलूस किलाघाट से शुरू होकर नीम चौक, करम गंज, दुमदुमा, नाका छह, रहमगंज होते हुए खान चौक पहुंचा, जहां रियाज खान कादरी की निगरानी में अलग-अलग मुहल्लों से आए जुलूस एकत्र हुए. इसके बाद संयुक्त जुलूस मोलागंज, मिर्जापुर, दरभंगा टावर, मशरफ बाजार होते हुए मदरसा हमीदिया पहुंचा, जहां पर सलातो सलाम के साथ संपन्न हुआ. इस दौरान पूरे शहर में जश्न का माहौल देखने को मिला. हर मुहल्ले से बच्चे,बूढ़े और जवान हाथों में झंडा लिए जुलूस में शामिल हुए. कई स्थानों पर लोगों ने शरबत, पानी और तबर्रुक वितरित कर सेवा की. जुलूस में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए. जुलूस में रियाज खान कादरी, मौलाना अमन नवाज खान, डॉ अहमद रहमानी सहित कई उलेमा शरीक थे. वे नाते शरीफ पढ़ते हुए लोगों को अनुशासन, अदब और मोहब्बत का पैगाम देते नजर आए. जिला प्रशासन व शांति समिति के सदस्य भी जुलूस की निगरानी करते रहे. प्रमुख निगरानी कर्ताओं में शम्सुज्ज़ुहा खान, बाबू गुलाब अंसारी, मौलाना तहसीन रजा मिसबाही, डॉ हाफिज कामरान खान, मौलाना वारिस अली, मौलाना अख्तर रजा, मौलाना रजा उलमुस्तफा सहित सैकड़ों गणमान्य शामिल थे. दूसरी ओर अलीनगर प्रखंड के विभिन्न गांव से पूरे उत्साह के साथ जुलूसे मुहम्मदी निकाला गया. इस क्रम में श्यामपुर गांव के मकतब मुहम्मदिया से निकाला गया जुलूसे मुहम्मदी इसलामपुर गया. वहां से पुनहद के जुलूस के साथ शामिल होकर श्यामपुर बजरंग चौक व खानकाह के निकट के मुख्य मार्ग से होते हुए अलीनगर पहुंचा. वहां से पकड़ी, अलीनगर जुलूस के साथ इमामगंज, पिरहौली, सहजौली होते हुए पुनः अलीनगर हाट मैदान पहुंचा, जहां फातिहा ख्वानी एवं सलातो सलाम के साथ संपन्न हो गया. श्यामपुर के जुलूस का नेतृत्व मुजफ्फर हुसैन असलम बरकाती व हाफिज उमर अली कर रहे थे. वहीं अलीनगर के जुलूस का नेतृत्व मुजाहिद फरीदी,आसिफ आदिल, तबरेज अंसारी तथा इमामगंज के जुलूस का नेतृत्व हाजी शकील अहमद एवं जमील अख्तर आदि कर रहे थे.
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