प्रतिनिधि, दुमका नगर ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही जल सहियाओं को पूजा से पहले ही मानदेय का भुगतान हो जायेगा. दो दिनों से आदोलनरत जलसहियाओं के प्रतिनिधिमंडल की सौहार्दपूर्ण माहौल में पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल के दोनों कार्यपालक अभियंताओं से वार्ता हुई. वार्ता के दौरान विभागीय अधिकारियों ने खाते का ब्योरा व आधार की प्रतिलिपि उपलब्ध कराने के साथ ही लंबित मानदेय का भुगतान कराने का आश्वासन दिया. जलसहियाओं ने भी वार्ता के दौरान आश्वस्त किया कि वे विभागीय गाइडलाइन के अनुसार ही कार्य दायित्व का निर्वहन करेंगी. वार्ता में कार्यपालक अभियंता संजय कुमार व रमेश कुमार लोहरा, जलसहियाओं के संगठन की अध्यक्ष रजनी मिर्धा, सचिव मार्शिला मुर्मू, प्रमंडलीय संरक्षक विजय कुमार दास शामिल थे. इस बात पर भी सहमति बनी कि आंदोलन खत्म करने के बाद जलसहियाओं पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. दरअसल, विभागीय आवंटन के बावजूद कई जलसहियाओं को महीनों और कुछ मामलों में एक वर्ष तक के बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया गया था. सरकार ने 29322 जल सहियाओं को ₹2000/- प्रतिमाह की दर से भुगतान करने का निर्णय लिया है. इसके बावजूद दुमका में तीन महीने बीत जाने पर भी मानदेय का भुगतान न करना इस अनशन का मुख्य कारण बना है. जल सहियाएं ग्रामस्तर पर जल एवं स्वच्छता समिति की कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य करती है. वे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं, जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन और खुले में शौच मुक्त स्थिति बनाये रखने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अग्रिम पंक्ति की कार्यकर्ता के रूप में सेवा दे रही है. उनकी भूमिका पेयजल योजनाओं के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस और जल गुणवत्ता की जांच में भी महत्वपूर्ण है.
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