दरियापुर. प्रखंड क्षेत्र के नदी तटबंधों पर स्थित कीमती जंगली वृक्षों की अवैध कटाई जोरों पर है. स्थानीय लोग बेधड़क आम, महुआ, शीशम जैसे कीमती पेड़ों को काट रहे हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि तटबंधों की मजबूती पर भी खतरा मंडरा रहा है. मही गंडकी और सुखमयी नदियों के किनारे बने तटबंधों पर हजारों की संख्या में पेड़ लगे थे. वर्तमान स्थिति यह है कि इन पेड़ों की जड़ें तक उखाड़ दी गयी हैं, कई स्थानों पर कटे हुए पेड़ों के ठूंठ और ताजे कटाव के निशान साफ देखे जा सकते हैं. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारी इस अवैध कटाई पर जानबूझकर मौन साधे हुए हैं. लोगों का कहना है कि यदि विभाग सख्त होता, तो खुलेआम इस तरह पेड़ों की कटाई संभव नहीं थी. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण यह अवैध कार्य वर्षों से जारी है. यदि यही स्थिति रही तो आगामी वर्षों में बाढ़ की त्रासदी और बढ़ सकती है. ग्रामीणों ने वन विभाग और प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध कटाई पर तुरंत रोक लगायी जाये और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये. साथ ही पेड़ लगाने और पुराने तटबंधों को फिर से सशक्त करने की योजना चलायी जाये.
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