मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
विधानसभा चुनाव से पहले शांति और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर ज़िला प्रशासन ने सभी शस्त्र लाइसेंस धारकों के लिए सख्त आदेश जारी किया है. 2 से 6 सितंबर तक अपने हथियारों का भौतिक सत्यापन कराना अनिवार्य है. जो ऐसा नहीं करेगा, उसका हथियार अवैध माना जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.कम सत्यापन के बाद अंतिम मौका
ज़िले में कुल 3407 लाइसेंस धारकों में से अब तक सिर्फ 2477 ने ही अपने हथियारों का सत्यापन कराया है. ज़िला प्रशासन ने इस कम संख्या पर नाराजगी जताई है. पहले भी कई बार सत्यापन की तारीखें तय की गई थीं लेकिन संतोषजनक परिणाम नहीं मिला.40 थानों में विशेष व्यवस्था
प्रशासन ने इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी है. ज़िले के 40 थानों में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सत्यापन की व्यवस्था की गई है. इस कार्य की देखरेख के लिए हर थाना क्षेत्र में एक दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे लाइसेंस बुक पर लगी फोटो से लाइसेंस धारक का मिलान करें और हथियार व कारतूसों का सत्यापन करें. सभी थानों को उसी दिन सत्यापन का विवरण ज़िला शस्त्र शाखा को भेजना अनिवार्य है.उत्तराधिकार और अन्य राज्यों के लिए विशेष निर्देश
ज़िला दंडाधिकारी ने उन मामलों पर भी विशेष ध्यान दिया है जहां लाइसेंस धारक की मृत्यु हो चुकी है और उनके उत्तराधिकारियों ने अभी तक हथियार जमा नहीं कराए हैं. ऐसे मामलों में भी सत्यापन कराना अनिवार्य होगा. इसके अलावा, जिन लोगों के पास नागालैंड या जम्मू-कश्मीर जैसे अन्य राज्यों के लाइसेंस हैं, उन्हें भी 6 सितंबर तक अपने हथियार संबंधित थाने या आयुध नियमावली 2016 के तहत स्वीकृत प्रतिष्ठान में जमा कराने होंगे. जब तक उनके लाइसेंस की पुष्टि नहीं हो जाती, वे अपने हथियार नहीं रख पाएंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

