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Bokaro News : बीएसएल के फरमान से ऐसा लगता है कि क्वार्टर लीज पर ले कर दिया है गुनाह

Bokaro News : प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में रविवार को बीएसएल के लीज होल्डर्स ने गिनायीं समस्याएं

Bokaro News : लीज होल्डर्स की अभी सबसे बड़ी समस्या यह है कि इनको नॉमिनी बनाने में कम-से-कम छह माह का समय जाता है. इसके लिए बोकारो कोर्ट, सीओ ऑफिस-चास व प्रखंड कार्यालय-चास का अनगिनत बार

चक्कर लगाना पड़ता है. रिटायरमेंट के बाद शरीर वैसे ही थक गया है. कई तरह की बीमारी हो गयी है. ऐसे में बोकारो स्टील प्रबंधन का तरह-तरह का फरमान…ऐसा लगता है कि बीएसएल का क्वार्टर लीज पर लेकर गुनाह कर दिया है…बीएसएल के लीज होल्डर्स ने रविवार को अपनी समस्याएं गिनायीं. मौका था सेक्टर वन में आयोजित प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का. इसमें दर्जनों लीज होल्डर्स शामिल हुए.

जिनके बेटे-बेटियां विदेशों में रहते हैं, वे अधिक परेशान

लीज होल्डर्स ने प्रभात खबर से कहा : नॉमिनी बनाने में काफी नाजायज पैसा, समय व आने-जाने की परेशानी के साथ खर्च भी एक बड़ी समस्या है. प्रबंधन वर्तमान समय में सभी लोगों को जो इस काम को करवाना चाहते हैं, उनसे फॅमिली ट्री, यानी पारिवारिक लोगों की पूरी सूीच की मांग करती है, जिसे कोर्ट से सत्यापित करा कर लाने की बाध्यता होती है. यही से नाजायज रकम देने को लोगों को बाध्य होना पड़ता है. इसमें सभी बेटे-बेटियों से नो-ऑब्जेक्शन का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है और यह कठिन काम होता है. जिनके बेटे या बेटियां विदेशों में रहते या काम करते हैं, वे अधिक परेशान हैं.

पोटैटो लैंड के नाम पर कुछ आवासों को जमीन, सामान रूप से सबों को मिले

लीज होल्डर्स की प्रमुख समस्या यह है कि पोटैटो लैंड के नाम पर जो जमीन कुछ आवासों को मिली है, उसे सामान रूप से सबों को मिलना चाहिए. इस संदर्भ में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है. इस कारण लीज होल्डर्स को पुनः कोर्ट की शरण में जाने को बाध्य होना पड़ा है, जो नाहक में धन और समय के बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है. लीज होल्डर्स का कहना है कि प्लांट की प्रगति व शहर के विकास में उनका भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इसी कारण, बोकारो रास आ गया और यहीं रहने के लिए लीज पर क्वार्टर ले लिया. लेकिन, अब नॉमिनी के नाम पर कागजात मांग कर परेशान किया जा रहा है.

लीज होल्डर्स का छलका दर्द : शरीर थक गया है, बीमारी हो गयी है, मिल रहे फरमान

लीज होल्डर्स के जीवन काल में ही प्रबंधन सभी समस्याओं का समाधान कर दे, ताकि उनके बाद नॉमिनी को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. जमीन की तरह क्वार्टर का भी रजिस्ट्रेशन कर देना चाहिए.

– लालजी सिंह-सेक्टर चार एफ

लीज पर क्वार्टर पूरा पैसा देकर लिया है. इसका रजिस्ट्रेशन कर ऑनरशिप मिले. कानून कहता है कि जिस संपत्ति को किसी व्यक्ति ने स्वयं अर्जित किया है, वह उस संपत्ति को जिसे देना चाहता है, उसे दे सकता है.

– राजेंद्र प्रसाद-सेक्टर तीनलीज का क्वार्टर रेगुलर कराने में कई तरह की परेशानी आ रही है, जबकि लीज के समय बहुत आसानी के साथ क्वार्टर दिया गया था. अब कई तरह का कागज मांगा जा रहा है, जो प्रबंधन के पास भी है. .

– आरएन तिवारी-सेक्टर वन

लीज के एक साल बाद नॉमिनी का फार्म आया था, जिसको लीज होल्डर्स ने भरकर जमा कर दिया था. अब एक बार फिर से इसे दुबारा मांगना, प्रबंधन की मनमानी नहीं तो और क्या है.

– नित्यानंद झा-सेक्टर पांच

नॉमिनी के नाम पर प्रबंधन तरह-तरह से परेशान कर रहा है. इसे लचीला बनाने की जरूरत है, ताकि उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंचे लीज होल्डर्स को राहत मिले. फार्म में नॉमिनी का डिटेल दिया जा चुका है.

– बीपी सिंह-सेकटर वन

लीज होल्डर्स को जिस आवास का लीज हुआ है, उसके बाह्य अनुरक्षण का काम बीएसएल करता है, लेकिन, अंदर से क्वार्टर की मरम्मत नहीं की जाती है. कई लीज क्वार्टर के ब्लॉक की टंकी लीकेज है.

– सुदर्शन सिंह-सेक्टर टू बी

रेगुलर कर्मियों की तरह लीज होल्डर्स के क्वार्टर की समस्या की शिकायत ऑनलाइन करने की सुविधा बहाल की जाये. लीज क्वार्टर के अंदर व बाहर की मरम्मत नियमित रूप से की जाए.

-एसएन शर्मा- सेक्टर चार सी

जिस क्वार्टर में रहता हूं, उसकी टंकी जर्जर है. इससे टंकी का पानी क्वार्टर में रिसता है. इसका समाधान समस्या प्रबंधन को करना चाहिये. लीज एग्रीमेंट में इसका जिक्र भी है. लेकिन, प्रबंधन इसकी अनदेखी कर रहा है.

-रत्नेश झा-सेक्टर पांच

लीज होल्डर्स के क्वार्टर की समस्या को भी ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा मिले. लीज होल्डर्स के आवासों में अगर ऊपर के तल्ले से सीपेज होता है और तो इसका निदान काफी कठिन होता है.

-एमपी सिंह- सेक्टर पांच

नॉमिनी बनाने के लिए लीज होल्डर्स को बोकारो कोर्ट में जाना पड़ता है. बोकारो स्टील रिटायर्ड इंप्लाइज एसो. ने ईडी कार्मिक व प्रशासन से बात कर निदान का उपाय भी सुझाया गया है. इस पर विचार हो.

– राम आगर सिंह, केके सिंह कॉलोनी, चीरा चास

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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