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हर कहानी देती है सीख और संदेश : दिव्येंदु त्रिपाठी

जमशेदपुर. सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन तुलसी भवन द्वारा संस्थान के मुख्य सभागार में हिंदी रचनाधर्मिता पर एक दिवसीय कार्यशाला युवा रचनाकार का आयोजन शनिवार को किया गया. इसकी अध्यक्षता

जमशेदपुर. सिंहभूम जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन तुलसी भवन द्वारा संस्थान के मुख्य सभागार में हिंदी रचनाधर्मिता पर एक दिवसीय कार्यशाला युवा रचनाकार का आयोजन शनिवार को किया गया. इसकी अध्यक्षता संस्थान के न्यासी अरुण कुमार तिवारी व संचालन पूनम महानंद ने किया. कथा सत्र में दिव्येंदु त्रिपाठी ने कहा कि कहानी मनोरंजन के लिए नहीं होती है. हर कहानी सीख और संदेश देती है. उन्होंने बच्चों को रुचि और स्वभाव के अनुसार कथा लिखने का सुझाव दिया. उन्होंने कविता और कहानी के भेद भी बताये.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह मंचासीन रहे. कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं धवी उपाध्याय की सस्वर सरस्वती वंदना से हुई. इस अवसर पर नगर के 21 विद्यालयों से 150 छात्र-छात्राएं, उनके शिक्षक व नगर के ख्यातिलब्ध साहित्यकारों ने भाग लिया. स्वागत सह विषय प्रवेश मानद महासचिव डाॅ प्रसेनजित तिवारी ने किया. इसमें युवा रचनाकारों ने कहानी लेखन से लेकर पत्रकारिता पर सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की. विभिन्न सत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में काव्य सत्र के विशेषज्ञ शेषनाथ सिंह ””शरद”” तथा समन्वयक ब्रजेन्द्रनाथ मिश्र, कथा सत्र के विशेषज्ञ साहित्य समिति तुलसी भवन के भाषाविद्, पुरातत्वविद् एवं साहित्यकार दिव्येन्दु त्रिपाठी तथा समन्वयक वसंत जमशेदपुरी एवं पत्रकारिता सत्र के विशेषज्ञ हिंदी दैनिक प्रभात खबर जमशेदपुर के संपादक संजय मिश्र तथा समन्वयक सुरेश चंद्र झा रहे. संजय मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता में लेखन और बोध कैसे होता है, यह बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि फेक न्यूज नहीं होता है. फेक इनफॉर्मेशन हो सकता है. पत्रकारिता भविष्य का सुनहरा सपना दिखाती है.

छात्र- छात्राओं ने स्वरचित काव्य पाठ किया

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में उपस्थित छात्र- छात्राओं द्वारा स्वरचित काव्य पाठ के पश्चात सारे प्रतिभागी बच्चों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. जबकि उनके शिक्षक-शिक्षिकाओं को अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया. सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रकाश मेहता ने किया. मौके पर मुख्य रूप से सुभाष चंद्र मुनका, राम नंदन प्रसाद, विमल जालान, डाॅ यमुना तिवारी ””व्यथित””, डाॅ अजय कुमार ओझा, डाॅ रागिनी भूषण, अरुणा भूषण शास्त्री, माधवी उपाध्याय, दिव्येन्दु त्रिपाठी, रीना सिन्हा, डाॅ संजय पाठक ””सनेही””, अशोक पाठक ””स्नेही””, डाॅ उदय प्रताप हयात, अजय प्रजापति, मनोकामना सिंह ””अजय””, बलविंदर सिंह सहित दर्जनों साहित्यकारों की उपस्थिति रही. अंत में संस्थान के उपाध्यक्ष राम नंदन प्रसाद ने आभार व्यक्त किया.

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