पंजवारा.
एक किशोरी की हिम्मत ने न सिर्फ खुद को एक अवैध और जल्दबाजी में तय शादी से बचा लिया, बल्कि समाज के लिए भी मिसाल पेश की. महिला हेल्पलाइन नंबर पर 17 वर्षीय लड़की की सूचना के आधार पर प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया और कैथाटीकर गांव में हो रही नाबालिग की शादी रुकवा दी. जानकारी के मुताबिक उक्त लड़की ने हेल्पलाइन पर कॉल कर बताया कि वह नाबालिग है और उसके परिजन उसकी शादी जबरदस्ती करा रहे हैं. यह शादी उसी दिन तय थी. सूचना मिलते ही सीओ विकास कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गयी, जिसने स्थानीय पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर विवाह समारोह की तैयारियों को रोक दिया. जांच के दौरान जब लड़की के दस्तावेज मांगे गये तो उसकी उम्र 17 वर्ष पायी गयी. नाबालिग होने की पुष्टि के बाद टीम ने परिजनों को शादी न करने का कानूनी नोटिस जारी किया. इसके बाद परिजनों ने लिखित आश्वासन दिया कि बालिग होने तक वे बेटी की शादी नहीं करेंगे. इस संबंध में सीओ विकास कुमार ने बताया कि महिला हेल्पलाइन को मिली सटीक सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गयी. फिलहाल लड़की को उसके परिजनों के पास ही रखा गया है, लेकिन प्रशासन की नजर अब भी बनी हुई है. इस कार्रवाई से एक बार फिर साबित हुआ है कि सही समय पर उठाया गया एक कदम बड़े बदलाव की शुरुआत कर सकता है. साथ ही, यह मामला बाल विवाह के खिलाफ चल रही जागरूकता मुहिम को भी बल देता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है