मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
नगर परिषद साहेबगंज में इन दिनों सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. कुल 25 पार्षदों में से तीन पार्षदों द्वारा मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव ने परिषद के भीतर हलचल मचा दी है. इस पूरे मामले पर मार्गदर्शन के लिए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर विकास एवं आवास विभाग, पटना को पत्र लिखा है.अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों का कहना है कि यह नियमानुसार एक तिहाई से अधिक सदस्यों द्वारा लाया गया है. उन्होंने मांग की है कि मुख्य पार्षद को बर्खास्त करते हुए एक विशेष बैठक बुलायी जाये.नियमों के उल्लंघन का आरोप
पार्षदों ने बिहार नगरपालिका अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया नियमावली 2010 और बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 25(4) का हवाला दिया है. इन नियमों के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर मुख्य पार्षद को विशेष बैठक की तिथि और स्थान निर्धारित करना होता है.कार्यपालक पदाधिकारी के अनुसार, उन्होंने पत्र संख्या 655 दिनांक 03.06.2025 के माध्यम से मुख्य पार्षद को सूचना जारी की थी, जो उनके आवास पर और व्हाट्सएप के जरिए भी भेजी गई थी.हालांकि, निर्धारित 15 दिनों के भीतर मुख्य पार्षद बैठक आयोजित करने में विफल रहे हैं.
कार्यपालक पदाधिकारी ने मांगी राय
पत्र में, कार्यपालक पदाधिकारी ने प्रकाशित बिहार गजट (असाधारण) 2 अप्रैल 2022 के बिहार नगरपालिका (संशोधन) अधिनियम 2022 का उल्लेख किया है, जिसमें अधिनियम 2007 की धारा 23 में संशोधन किया गया है. इस संशोधन के विस्तृत प्रावधानों पर स्पष्टीकरण और मार्गदर्शन के लिए ही यह पत्र पटना भेजा गया है ताकि आगे की कार्रवाई नियमों के अनुसार सुनिश्चित की जा सके.
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