7. गिरिडीह. 2. आध्यात्मिक कार्य में शामिल श्रद्धालु महिलाएं
सरिया.
सरिया प्रखंड क्षेत्र के कोयरीडीह-पूरनीडीह पंचायत में आयोजित 24 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को भी दिनभर आध्यात्मिक कार्यक्रम होते रहे.श्रद्धालु व पूजारियों ने ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान-ध्यान कर प्रातः जागरण, ध्यान, जप व प्रज्ञा योगासन किये. इस दौरान गायत्री महामंत्र से यज्ञ स्थल गुंजायमान रहा. सुबह होते ही अन्य श्रद्धालु भी पवित्र होकर यज्ञ मंडप पर पहुंचने लगे. यज्ञशाला में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा.
सुबह 8 बजे से लेकर 12 बजे दिन तक सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कुंड में विशेष आहुतियां दी. पूरा वातावरण हवन से सुगंधित हो उठा. आचार्यों ने इस दौरान विभिन्न संस्कार कराये. हवन के बाद श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की. शांतिकुंज, हरिद्वार से आयी टोली ने शाम को श्रोताओं को संगीतमय प्रज्ञा पुराण कथा सुनायी. प्रवचन के दौरान टोली प्रमुख बाल राम रतन मूल ने यज्ञ के महत्व को बताते हुए कहा कि इस प्रकार के अनुष्ठान से व्यक्ति में सात्विक भावना जागृत होती है.लोग स्वार्थ से हटकर परोपकार की सोच रखते हैं. कहा कि प्रज्ञा पुराण कथा में अट्ठारह पुराणों का सार है. धार्मिक, नैतिक और आध्यात्मिक कथाओं से मानव का नैतिक उत्थान होता है. इसमें परिवार निर्माण, नारी जागरण व सशक्तिकरण और वसुधैव कुटुंबकम का पाठ पढ़ाया जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है