भागलपुर के ग्रामीण क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त एक लाख 19 हजार 933 परिवार को 84 करोड़ रुपये मुआवजा के रूप में दियेे गये. इसके विपरीत शहरी क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त 10 हजार से अधिक परिवारों को कुछ नहीं मिला. इसे लेकर उनके बीच खासा आक्रोश है. शहरी बाढ़ग्रस्त लोग जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी तक मुआवजा व राहत को लेकर गुहार लगा चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त लोगों के लिए राहत शिविर लगाया गया. यहां मवेशी के लिए चारा, स्वास्थ्य सुविधा, भोजन, टेंट के लिए त्रिपाल आदि मुहैया कराये गये. फिर हर परिवार को सात-सात हजार रुपये दिये गये. इसके विपरीत शहरी क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों की सुध नहीं ली गयी है. बुनकर बहुल क्षेत्र में हुई मशीनें खराब, लाखों की क्षति दीपनगर झुग्गी बस्ती व आसपास के बाढ़पीड़ित पिंटू दास, मनोज गुप्ता, सितारा महतो, सौरभ राय, गोपाल पासवान, जयश्री देवी, किशोर महतो, सदानंद यादव, मनोज दास आदि ने बताया कि यहां 100 से अधिक परिवारों की झुग्गी-बस्ती डूब गयी थी. यहां के लोगों को मुआवजा मिलना तो दूर सरकारी सुविधा तक नहीं मिली. तीसरी बार पानी आने के बाद यहां के लोग सगे-संबंधी के घर शरण लिये हुए हैं. घर डूबने के साथ मवेशियों के चारे व खाने-पीने को परेशान हैं. बुनकर बहुल क्षेत्र में खुद पीड़ित बुनकर मो इमदाद व शऊर उनके क्षेत्र में 100 लूम खराब हो गये. इससे लाखों की क्षति हुई. बुनकर बहुल क्षेत्र मदनीनगर व आसपास क्षेत्र में बुनकर परेशान हैं. कोई देखने तक नहीं आया. जदयू अल्पसंख्यक के जिलाध्यक्ष मेराजउद्दीन ने बुनकरों की दयनीय स्थिति को लेकर मुख्यालय तक आवाज उठायी. वार्ड 10 के साकम, मोहनपुर, वार्ड नौ के साहेबगंज 10 दिन तक पानी भरा रहा. वार्ड 18 में कसबा गोलाघाट, सखीचंद घाट आदि मोहल्ले में बाढ़ से 200 से अधिक परिवार बाढ़ से प्रभावित रहे. फिर उनके घर में पानी भर गया है. कसबा गोलाघाट के मनोज राय ने बताया कि उन्हें दूसरे घरों की छतों पर शरण लेनी पड़ी. फिर शरण लेने को विवश हैं. मेघु राम, विजय चौधरी, विनय सिंह, पूरण पासवान, योगेंद्र दास, राम रजक, रामाशीष सिंह, मोहन साह, मनीष सिंह, जगदीश यादव, मीना देवी, नेपाली मंडल, निशाकर मिश्रा, पवन कुशवाहा ने भी अपनी परेशानी बतायी.
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