बिहारशरीफ. अपनी लंबित मांगों को लेकर बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के बैनर तले जिले भर के कार्यपालक सहायकों ने शुक्रवार को आंदोलन का तीसरा दिन कैंडल मार्च के साथ जारी रखा. शाम 6 बजे बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायक प्रखंड कार्यालय बिहार शरीफ से अस्पताल चौक तक शांतिपूर्ण मार्च में शामिल हुए. हाथों में जलती मोमबत्तियों के साथ सहायकों ने सरकार की नीतियों और उपेक्षा के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई. संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह विरोध महज एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सरकार और बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन की निष्क्रियता के खिलाफ गहरी नाराजगी का प्रतीक है. आंदोलनकारी सहायकों ने साफ किया कि अगर सरकार ने समय रहते उनकी जायज मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की, तो संघर्ष और तेज किया जाएगा. संघ के अध्यक्ष अमित राज ने कहा कि संघ की 11 सूत्री मांगों में अनुकंपा पर नियुक्ति, आकस्मिक निधन पर उपादान जैसी प्रमुख मांगे शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 3 सितम्बर से चरणबद्ध आंदोलन जारी है और अगर 10 सितम्बर तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो कार्यपालक सहायक दो दिन का सामूहिक अवकाश लेंगे. इसके बाद भी सरकार टालमटोल करती रही तो अनिश्चितकालीन हड़ताल जैसे कठोर कदम उठाने पर बाध्य होंगे. कार्यपालक सहायकों के इस कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए और उन्होंने सरकार से मांग की कि उनकी समस्याओं के समाधान में अब और देर न की जाए. इस कैंडल मार्च में हर विभाग में कार्यरत कार्यपालक सहायकों ने बढ. चढकर भाग लिया और अपने मांगों के समर्थन में नारेबाजी किया. कार्यपालक सहायकों का कहना था कि संविदा कर्मी होने के कारण कार्यलय के स्थायी कर्मी से लेकर पदाधिकारी उनका मानसिक एवं आर्थिक शोषण करते हैं.
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