छपरा. सेवा स्थायीकरण व सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतनमान की मांग को लेकर कार्यपालक सहायकों ने शुक्रवार को अपने आंदोलन के तीसरे दिन शहर में कैंडल मार्च निकाला. यह कैंडल मार्च शिशु पार्क से शुरू होकर म्युनिसिपल चौक पर आकर समाप्त हुआ. मार्च में सैकड़ों कार्यपालक सहायकों ने भाग लिया और हाथों में मोमबत्तियां लेकर सरकार से अपनी आवाज सुनी जाने की अपील की. संगठन के नेता रूपेश कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने कई संविदा कर्मियों के मानदेय और सुविधाओं में सराहनीय निर्णय लिये हैं, लेकिन कार्यपालक सहायकों को पूरी तरह भुला दिया गया है. पिछले 15 वर्षों से संविदा की आग में झुलस रहे हम सभी अब सरकार से न्याय की अपेक्षा रखते हैं. उन्होंने यह भी मांग की कि कार्यपालक सहायकों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार वेतन दिया जाये. संगठन के जिला स्तर के नेता ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि आंदोलन के तहत करीब छह सौ कार्यपालक सहायक जिले के विभिन्न प्रखंड कार्यालयों और विभागों में काली पट्टी लगाकर कार्य कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि आम जनता को कोई असुविधा न हो और सरकार को चुनाव पूर्व किसी तरह की बदनामी का सामना न करना पड़े. इसलिए हम अवकाश के दिनों में अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. उन्होंने सरकार से अपील की कि जैसे अन्य संविदा कर्मियों के हित में निर्णय लिये गये हैं, वैसे ही कार्यपालक सहायकों के साथ भी समभाव का व्यवहार किया जाये.
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