मुंगेर. जिले में आई बाढ़ के कारण एक ओर जहां 2.50 लाख की आबादी जहां प्रभावित हुई. वहीं हजारों एकड़ में लगी फसल नष्ट हो गयी. इस कारण किसानों के समक्ष विकट परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है. किसानों की चिंता को दूर करने के लिए सरकार ने फसल क्षति मुआवजा देने का ऐलान किया और किसानों से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किया जा रहा है. पांच सितंबर तक आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित है.
30 पंचायत के 213 गांव व नगर के 15 वार्ड बाढ़ प्रभावित
जिले के पांच प्रखंड मुंगेर सदर, बरियारपुर, हवेली खड़गपुर, जमालपुर एवं धरहरा का कुल 30 पंचायत के 213 गांव बाढ़ से प्रभावित हुआ. निगम मुंगेर के 15 वार्ड बाढ़ प्रभावित हुआ. 26 हजार ग्रामीण और 21 हजार 602 शहरी कुल 47 हजार 602 परिवार प्रभावित हुए थे. ग्रामीण क्षेत्र के 2 लाख 20 हजार 10 और शहरी क्षेत्र के 18 हजार कुल 2 लाख 38 हजार की आबादी बाढ़ की त्रासदी झेला. जबकि 6 हजार 783 ग्रामीण क्षेत्र के पशु और 11 हजार 50 शहरी क्षेत्र कुल 7 हजार 933 पशु बाढ़ से प्रभावित हुए है. जबकि बाढ़ के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है. जिला कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के छह प्रखंड सदर मुंगेर, जमालपुर, धरहरा, बरियारपुर, असरगंज एवं हवेली खड़गपुर प्रखंड के 39 पंचायत के 8768.42 एकड़ फसल नष्ट हो गया. विभाग की ओर से जो सर्वे किया गया था, उसमें मानक के अनुरूप जिन खेतों में लगे 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति हुई है, उसको शामिल किया गया है. जबकि 10 से 20 प्रतिशत फसल नुकसान झेलने वाले किसानों की संख्या काफी अधिक है. जिन सफलों का नुकसान सर्वाधिक हुआ है, उसमें धान, मक्का, सब्जी प्रमुख है.
मुआवजा के लिए 9000 से अधिक किसानों ने दिया आवेदन
सरकार ने सिंचित क्षेत्र के फसल नुकसान पर 17 हजार एवं असिंचित क्षेत्र के फसल नुकसान पर 8500 रूपया प्रति हेक्टेयर मुआवजा दे रही है. मुआवजा वैसे किसानों को मिलेगा जिनका 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति हुआ है. प्रति किसान दो हेक्टेयर का ही फसल क्षति का क्लेम कर सकते है. मुआवजा राशि भुगतान के लिए प्रभावित किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक जिले के नौ हजार किसान आवेदन कर चुके है. किसान फसल क्षति मुआवजा के लिए पांच सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यह योजना रैयत (भूमि धारक) और गैर-रैयत (भूमिहीन) दोनों प्रकार के किसानों के लिए लागू है. ऐसे में दोनों तरह के किसान इस योजना के तहत मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं, आवेदन के लिए कुछ शर्तें भी रखी गयी है. फसल नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए. किसान काे बिहार कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है. किसान स्वयं, उनके जीवनसाथी और अवयस्क बच्चों को मिलाकर एक “किसान परिवार ” माना जायेगा. परिवार का आधार सत्यापन आवश्यक होगा. गलत जानकारी देने पर आवेदन रद्द कर दिया जायेगा. रैयत किसानों के लिए वर्ष 2022-23, 2023-24, या 2024-25 का एलपीसी या लगान रसीद अनिवार्य है.
कहते हैं जिलाधिकारी
जिलाधिकारी निखिल धनराज ने कहा कि बाढ़ के कारण जिले में 8768.42 हेक्टेयर में लगी फ़सल को क्षति हुई है. लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं, क्योंकि सरकार किसानों को फसल क्षति का मुआवजा देने का निर्णय लिया है. किसानों से ऑन लाइन आवेदन भी प्राप्त किये जा रहे है. संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जो भी आवेदन आये उसकी जांच सतर्कता और पारदर्शिता के साथ करें. ताकि वास्तविक प्रभावित आवेदक किसानों को लाभ मिले.
——————————————-प्रखंडवार फसल क्षति आंकड़ा
प्रभावित प्रखंड पंचायत की संख्या फसल क्षति का रकवासदर मुंगेर 12 2097.5 हेक्टेयर
जमालपुर 07 946 हेक्टेयरधरहरा 03 313 हेक्टेयर
बरियारपुर 11 3336.92 हेक्टेयरअसरगंज 02 1181 हेक्टेयर
हवेली खड़गपुर 04 894 हेक्टेयरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

