वरीय संवाददाता, देवघर. शहर के रमा देवी बाजला महिला महाविद्यालय में हुए दो दिवसीय बहुविषयक राष्ट्रीय सेमिनार का शुक्रवार को समापन हो गया. इससे पूर्व सेमिनार के दूसरे दिन प्रथम सत्र के चेयरपर्सन सह रिसोर्स पर्सन के रूप में दर्शनशास्त्र विभाग, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के प्रो.(डॉ.) राजीव कुमार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के समय में सांस्कृतिक, सामाजिक पर्यावरणीय मूल्यों को संरक्षित, परिमार्जित और परिवर्धित करते हुए समग्र और सर्वसमावेशी विकास सुनिश्चित करने को बड़ी चुनौती बताया.
उन्होंने कहा कि भविष्य में वही समाज विकसित होगा, वही राष्ट्र आगे होगा, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को आत्मसात करते हुए चलेगा. लेकिन ध्यान रखना है कि तीव्र वैज्ञानिक विकास की दौड़ में हमें प्रकृति प्रेम, नैतिक मूल्य, सामाजिक समरसता और उच्चतम आध्यात्मिक विकास को नहीं भूलना है. बताया कि हमारे आदिवासी समाज में जल, जंगल और जमीन के विषय में ऐसा ही भाव जगह-जगह प्रतिबिंबित होता है, जैसा कि यजुर्वेद की पंक्तियों में जिक्र है.दूसरे अतिथियों ने भी शोधार्थियों को किया संबोधित
प्रथम सत्र के पैनलिस्ट एसकेएमयू, दुमका के डा.आचुत्य चेतन व बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के दर्शनशास्त्र विभाग की डा.रेणू बाला ने भी शोधार्थियों के शोध-पत्र को सुना और अपने विचार रखे. वहीं, दूसरे सत्र के चेयरपर्सन सह केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची के सहायक प्रोफेसर (एस-थ्री) सह रसायन विज्ञान विभाग, झारखंड के प्रभारी डॉ. सोमेन डे ने भी अपने विचारों से शोधार्थियां को अवगत कराया.30 शोधार्थियों ने दी अपने पेपर की प्रस्तुति
सेमिनार के दूसरे दिन लगभग 30 शोधार्थियों ने अपने पेपर की प्रस्तुति दी. इनमें सुजाता कुमारी, रूनु कर्मकार, शोभा मुर्मू, विकास कुमार, डॉ संगीता प्रियदर्शी, सुषमा सिन्हा, आशा रानी, ज्योत्सना सोरेन, गीता रानी टुडु. कुलेश भंडारी, लाल मोहन, डॉ मो. नजरूल, साची स्नेहा, डॉ बनाश्री, स्नेहा सिंह, नैरिता, पायल प्रिया, चंदन कुमार, शिवानी कुमारी, कृष्ण कुमार आदि के नाम शामिल हैं.सेमिनार की सफलता में इन सभी का रहा योगदान
सेमिनार को सफल बनाने में कॉलेज की प्राचार्या डॉ सुचिता कुमारी व आयोजन समिति के अध्यक्ष डा.किसलय सिन्हा के अलावा डॉ. रेखा कुमारी गुप्ता, निमिषा रिचर्ड होरो, डॉ.नृपांशुलता, रजनी कुमारी, डा. बिपिन कुमार , डॉ सीमा सिंह जैनीस इरी टिगा, हेलना किस्कू, शिखा सोनाली, सबा परवीन, नीमा कुमारी, डॉ श्याम सुंदर महतो सहित सभी शिक्षकेतर कर्मचारियों की अहम भूमिका रही. वहीं धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान विभाग के डॉ प्रकाश चंद्र दास व द्वितीय सत्र में संयोजक डा.करुणा पंजियारा ने किया. राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हो गया.॰ प्रो.(डॉ.) राजीव कुमार ने कहा- वैज्ञानिक विकास की समग्रता मूलक दार्शनिक दृष्टि जरूरी
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